नई दिल्ली, 06 मई, (वीएनआई) जब दुनिया में टेस्ट क्रिकेट का बोलबाला हुआ करता था तो 80 के दशक में एकदिवसीय क्रिकेट का उदय हो रहा था। इस दौरान भारत ने भी वर्ष 1974 में इंग्लैंड दौरे पर अपने एकदिवसीय क्रिकेट मैच की शुरुआत की थी। हालाँकि की यह मैच भारत बुरी तरह से हार गया था।
वर्ष 1971 में भारतीय टीम कप्तान अजीत वाडेकर के नेतृत्व में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतकर परचम लहरा रही थी। जिसके बाद कप्तान अजीत वाडेकर की हर तरफ तारीफे हो रही थी। वहीं वाडेकर की कप्तानी में भारतीय ने टीम 1974 में इंग्लैंड का दौरा किया। जिसमे में भारत को दो एकदिवसीय और तीन टेस्ट मैच खेलने थे। टेस्ट क्रिकेट के आदि हो चुके भारतीय टीम के अधिकांश सदस्य एकदिवसीय क्रिकेट में खुद को ढल नहीं पाये थे। उस समय भारत की तेज गेंदबाज़ी बहुत कमजोर थी और टीम को फिरकी गेंदबाज़ो पर पूरी तरह निर्भर रहना पड़ता था। इस कारण भारत के लिए खेला गया पहला एकदिवसीय मैच किसी बुरे सपने जैसा रहा और गेंदबाज़ी में कमजोर क्षमता की वजह से भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था। गौरतलब है अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला एकदिवसीय मैच 5 जनवरी 1971 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। 48-48 ओवर के इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट से मैच जीता था।
गौरतलब है है लीड़स में 13 जुलाई 1974 को इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने अपना पहला एकदिवसीय मैच कप्तान वाडेकर नेतृत्व में खेला। वहीं कप्तान वाडेकर समेत भारतीय के सभी 11 खिलाड़ियों ने इस एकदिवसीय मैच में पदार्पण किया। इस मैच में भारतीय टीम ने 60 ओवर नहीं खेलने के बावजूद 53.5 ओवरों में 265 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। पहले एकदिवसीय मैच के हिसाब से उसकी बैटिंग शानदार रही। लेकिन भारत की ख़राब गेंदबाजी की वजह से इंग्लैंड ने भारत को 4 विकेट से हरा दिया।
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