कोलकाता, 15 नवंबर (वीएनआई)| भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली ने आज कहा कि उन्हें जब जरूरत होगी, वह आराम मांग लेंगे। ऐसी खबरें हैं कि कोहली ने चयनकर्ताओं से श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के बाद तीसरे टेस्ट मैच, वनडे और टी-20 सीरीज से आराम मांगा है।
मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के प्रसाद ने हालांकि इस तरह की खबरों को खारिज किया है और कहा है कि कोहली ने अपने आप को तीनों टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध बताया है। चयनकर्ता इसके बाद कप्तान को आराम देने के बारे में सोच सकते हैं।
कप्तान कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ गुरुवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, निश्चित तौर पर मुझे आराम की जरूरत है। मुझे आराम क्यों नहीं चाहिए होगा? जब मुझे लगेगा कि मुझे आराम चाहिए तो मांग लूंगा। मैं रोबोट नहीं हूं। आप मेरी खाल उधेड़िए, मेरा भी खून बहता मिलेगा। कोहली से जब हार्दिक पांड्या को आराम देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी मैदान पर अतिरिक्त मेहनत करते हैं, उन्हें आराम की जरूरत होती है। कई बार यह बात सभी की समझ में नहीं आती। कोहली ने कहा, "यह ऐसी चीज है जो मुझे लगता है कि लोग सही तरीके से समझते नहीं हैं। काम के दबाव को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं, खासकर बाहर से, कि खिलाड़ी को आराम दिया जाना चाहिए या नहीं। हर खिलाड़ी साल में 40 मैच खेलता है। तीन खिलाड़ियों को आराम मिलना चाहिए। उनका काम संभाला जा सकता है। 11 खिलाड़ी मैच खेलते हैं लेकिन हर कोई वनडे में 45 ओवर तक बल्लेबाजी नहीं करता। हर कोई टेस्ट में 40 ओवर गेंदबाजी नहीं करता है।"
कप्तान ने कहा, लेकिन, जो खिलाड़ी लगातार ऐसा कर रहे होते हैं उन्हें आराम की जरूरत है क्योंकि शरीर उबरने में समय लेता है। हर कोई यह देखता है कि ओह उसने भी तो औरों की तरह 40 मैच खेले हैं। वह उस खिलाड़ी द्वारा क्रीज पर बिताया गया समय नहीं देखते। उन्होंने कहा, "विकेट के बीच कितने रन आप दौड़ते हैं, इस पर कोई ध्यान नहीं देता। कठिन परिस्थिति में कितने ओवर फेंकते हैं, किस हालात में आप खेलते हैं, किस तापमान में खेलते हैं, मुझे नहीं लगता कि लोग इन बातों की गहराई में जाते हैं। बाहर से बस यही लगता है कि वह आराम क्यों मांग रहा है। उन्होंने कहा, "लेकिन, हर किसी का मैच में एक सा काम नहीं होता। केवल उन पर जिन पर अतिरिक्त कार्यभार होता है, जैसे कि पुजारा सिर्फ टेस्ट खेलते हैं उनके पास इस प्रारूप में ज्यादा काम रहता है क्योंकि वह क्रीज पर ज्यादा समय बिताते हैं। उनका खेल इस तरह का है। आप उनका मुकाबला उससे नहीं कर सकते जिस पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का दायित्व होता है क्योंकि उसका काम कम हो सकता है। उन्होंने कहा, "तो, मेरा मानना है कि इन सभी चीजों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। सिर्फ इसलिए कि हमने 20-25 खिलाड़ियों का पूल तैयार कर लिया है, हम यह नहीं कर सकते कि अहम समय में हमारे अहम खिलाड़ी चोटिल हों।
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