नई दिल्ली, 07 जुलाई (वीएनआई) भारतीय क्रिकेट के सफल कप्तानों में शुमार पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आज 39वां जन्मदिन है। भारत को दो वर्ल्डकप जिताने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने रांची की गलियों से क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान बनने तक एक लंबा सफर तय किया है। जिसमे उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किये।
7 जुलाई 1981 बिहार के रांची जिले में जन्मे जो अब झारखण्ड में है, महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को 2007 में टी20 वर्ल्डकप और 2011 में वर्ल्ड कप जीताया। वर्ष 2009 में पहली बार टेस्ट में शीर्ष पर पहुँचाया और 2013 में धोनी ने आईसीसी टूर्नामेंट में भी जीत दिलाई। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट खेलते हुए 38.06 की औसत से 4876 रन बनाये जिनमे 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल है, वहीं 350 वनडे में उन्होंने 50.53 की औसत से 10773 रन बनाये, जिनमे 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल है। जबकि 98 टी20 मैच में उन्होंने 37.60 की औसत से 1617 रन बनाये है। धोनी ने भारत के लिए 60 टेस्ट, 200 वनडे और 72 टी-20 मैच में भारत की कप्तानी की है। हालांकि उन्होंने 2017 को क्रिकेट के सीमित प्रारूप एकदिवसीय और टी-20 से कप्तानी छोड़ दी, तब से वह बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ भारतीय टीम का हिस्सा है। टेस्ट में उन्होंने 2015 में ही कप्तानी छोड़ दी थी। धोनी ने 4 जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी कर ली। धोनी को 2008, 2009 में आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ़ द ईयर चुना गया। वर्ष 2007-08 के लिए धोनी को राजीव खेलरत्न और वर्ष 2009 में पदम् श्री से भी नवाज़ा गया। 2018 में पद्मभूषण से नवाजा गया।
वर्ष 2004 में धोनी ने अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की तरफ से बांग्लादेश दौरे पर पदार्पण किया, लेकिन वो ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन जब इसी वर्ष धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ चुना गया तो विशाखापटनम में दुसरे वनडे में उन्होंने 148 रन की ताबड़तोड़ पारी खेल वर्ल्ड क्रिकेट में शानदार आगाज़ किया। फिर 2005 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में पदार्पण किया, उसके बाद उन्होंने 2006 में पाकिस्तान दौरे पर 148 रन की पारी खेल कर खेल प्रेमियों की दिल की धड़कन बन गए, इसी दौरे पर पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को धोनी ने लम्बे बालो का कायल भी बना दिया। वहीं वर्ष 2006 में ही श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में 183 रन की नाबाद पारी खेल कर विकेटकीपर बल्लेबाज़ के रूप में एक पारी में सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड बनाया।
भारतीय क्रिकेट में उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें पहले टी20 वर्ल्डकप 2007 में भारत का कप्तान बनाया गया और जिसमे उन्होंने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पाकिस्तान को फाइनल में हराकर भारत को वर्ल्डकप जिताया। फिर वनडे क्रिकेट में भी धोनी को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत का कप्तान बनाया गया और 2008 में धोनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अनिल कुंबले के घायल हों जाने पर कप्तानी सौपी गई और वर्ष 2009 में टेस्ट में भारत को नo1 बनाया। वर्ष 2011 वर्ल्डकप में धोनी ने फाइनल में अपने अंदाज़ में छक्का जड़कर श्रीलंका को हराकर भारत को 1983 के बाद दूसरा वर्ल्डकप जीताया और कपिल देव के बाद दूसरे सफल कप्तान बने। जबकि 2013 में धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के आखिरी संस्करण में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में जीत हासिल कर दुनिया के पहले कप्तान बने जिन्होंने आईसीसी के तीनो ख़िताब अपनी कप्तानी में भारत को दिलाये। इसके आलावा उन्होंने आईपीएल में भी खूब नाम कमाया जहाँ उन्होंने अपनी कप्तानी में दो चेन्नई को तीन ख़िताब भी जिताये।
हालाँकि धोनी ने भारतीय क्रिकेट में सफलता के जहाँ हर मुकाम को छुआ वहीँ कुछ कड़वी यादें भी उनके साथ जुड़ी रही है वर्ष 2011 में वर्ल्डकप जीतने के बाद जब भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया तो उस दौरे पर टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड ने चारों टेस्ट मैच में भारत का सफाया कर दिया और उसके बाद 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरा भी जख्मों को नासूर बनाने के लिए टकटकी लगाये दस्तक दे रहा था और इस दौरे पर भी धोनी की कप्तानी में भारत को 4-0 से करारी हार देखनी पड़ी।