बर्मिंघम 7 मार्च (वीएनआई) लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारत की साइना नेहवाल ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुंच गयी हैं इतिहास रचते हुए साइना इस टूर्नामेंट में खिताबी मुक़ाबले में जगह बनाने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी है. इसके साथ ही सायना पहली बार किसी वर्ल्ड सुपरसीरीज प्रीमियर टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश करने में सफल रही हैं।आज साइना ने टूर्नामेंट में शीर्ष वरीयता प्राप्त ली ज्यूरेई को हराने वाली चीन की सुन यू को 50 मिनट तक चले सेमीफाइनल मैच में लगातार गेम्स में 21-13, 21-13 से पराजित किया.
पहले गेम में सुन यू ने तेज शुरुआत करते हुए सायना पर 6-1 की बढ़त ले ली। सायना ने हालांकि इसके बाद संघर्ष करते हुए स्कोर 11-11 तक पहुंचाया। यहां से सायना ने जैसे यू टर्न लिया और सून यू को बेहद कम मौका देते हुए आखिरी 10 अंक अर्जित कर गेम जीत लिया।
दूसरे गेम में भी सून यू ने सायना को संघर्ष करने पर मजबूर किया और 12-12 के स्कोर से पहले तक लगभग सायना पर बढ़त बनाए रखने में सफलता हासिल की। लेकिन सायना ने एक बार फिर दृढ़ मानसिकता का परिचय देते हुए न सिर्फ बढ़त हासिल की बल्कि आखिरी सात अंक लगातार अर्जित करते हुए शानदार अंदाज में मैच पर कब्जा कर लिया।
इससे पहले 24 वर्षीय साइना पूर्व विश्व चैंपियन वांग यिहान को हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुँची थीं. यिहान पर साइना की ये पहली जीत थी. साइना ने ये जीत महज़ 39 मिनट में हासिल की थी.इससे पहले 2010 में भी सायना नेहवाल यहां सेमीफ़ाइनल में पहुंची थीं, लेकिन यिहान वैंग की चुनौती से पार नहीं पा सकीं थी
सायना इस वर्ष अब तक एक भी मैच नहीं हारी हैं तथा लगातार नौ मैच जीत चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने मौजूदा विश्व चैम्पियन स्पेन की कैरोलीन मैरीन को फाइनल में हराकर सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप में खिताब भी हासिल किया।
सायना अब आज ही मैरीन और सातवीं विश्व वरीय चीनी ताइपे की ताई त्जू यिंग के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच के विजेता से खिताबी मुकाबले में रविवार को भिड़ेंगी।
मैरीन को तो सायना इस वर्ष एक खिताबी मुकाबले में हरा चुकी हैं, लेकिन पिछले वर्ष के आखिरी चैम्पियनशिप \'दुबई वर्ल्ड सुपर सीरीज फाइनल्स\' के सेमीफाइनल में ताई त्जू यिंग से हार गई थीं।
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में साइना अब इकलौती भारतीय चुनौती बची हैं.ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी गुरुवार को दूसरे दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन की तियान किंग और झाओ यून्लेइ के हाथों हारकर बाहर हो गई थी.वहीं, पुरुषों के वर्ग में पी कश्यप के अलावा दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी के श्रीकांत और अजय श्रीराम पहले दौर में हारकर बाहर हो गए थे.
सायना अब तक इस खिताब को नहीं जीत सकी हैं। हालांकि 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद यहां कामयाबी हासिल कर चुके हैं।