फोतोर्दा (गोवा), 2 दिसम्बर (वीएनआई)| इंडियन सुपर लीग के तीसरे सीजन में एफसी गोवा ने आज अपने अंतिम लीग मैच में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए मुक़ाबले में मौजूदा चैम्पियन चेन्नयन एफसी को 5-4 से हरा दिया।
गोवा के लिए विजयी गोल साहिल तावोरा ने 94वें मिनट में किया। साहिल ने सम्मान की इस लड़ाई में संजय बालमूचू द्वारा दिए गए लम्बे पास पर बेहतरीन फुटबाल का नजारा पेश करते हुए अंतिम मिनट में अपनी टीम को सम्मान की जीत दिलाने वाला गोल किया। इस जीत के साथ गोवा ने बीते साल के फाइनल में चेन्नई से मिली हार का हिसाब बराबर कर लिया। यह 14 मैचों में गोवा की चौथी जीत है जबकि चेन्नई को पांचवीं हार मिली है। इस जीत के बाद भी गोवा ने आठ टीमों की तालिका में अंतिम स्थान पर रहते हुए तीसरे सीजन का समापन किया। चेन्नई की टीम अंतिम रूप से सातवें स्थान पर रही। इस हाई स्कोरिंग मैच का पहला गोल जेरी लालरिनजुआला ने चौथे मिनट में एक बेहतरीन फ्रीकिक पर किया। चेन्नई की टीम पहले गोल का जश्न ठीक के मना भी नहीं पाई थी कि रफाएल कोएल्हो लुइज ने जोफ्रे मातेयू के पास पर छठे मिनट में गोल करते हए स्कोर 1-1 कर दिया।
इसके बाद चेन्नई को उस समय एक गोल तोहफे के तौर पर मिला जब ग्रेगरी अर्नोलिन ने 13वें मिनट में गलती से अपनी टीम के ही खिलाफ गोल कर दिया। चेन्नई के लिए यह शानदार तोहफा था और इसकी बदौलत वह 2-1 से आगे हो चुका था। उसकी खुशी हालांकि इस बार भी अधिक देर तक नहीं टिक सकी क्योंकि मातेयू ने 21वें मिनट में हासिल पेनाल्टी पर गोल करते हुए गोवा को एक बार फिर बराबरी पर ला दिया। स्कोर अब 2-2 हो चुका था। मैच अपने रोमांच में लौट चुका था और दोनों टीमों ने एक बार फिर आगे निकलने की होड़ शुरू कर दी थी। इस क्रम में सफलता चेन्नई को मिली। डुडु ओमागबेमी ने 28वें मिनट में गोल करते हुए चेन्नई को एक बार फिर आगे कर दिया। डुडु ने यह गोल डेनियल लाललिम्पुइया के शानदार पास पर किया। मध्यांतर तक यही स्कोर रहा। मध्यांतर के बाद गोवा ने बराबरी का भरपूर प्रयास किया लेकिन चेन्नई के डिफेंडरों ने उसे हर बार नाकाम कर दिया। 68वें मिनट में हालांकि साहिल ने एक बेहतरीन गोल की मदद से गोवा को बराबरी पर ला दिया।
एक बार फिर यह मैच दोनों टीमों के लिए खुल चुका था। अब गोवा की टीम भी आत्मविश्वास से भर चुकी थी। उसने 76वें मिनट में एक जोरदार और सफल हमला करते हुए बढ़त हासिल कर ली। गोवा के लिए चौथा और मैच का सातवां गोल लुइज ने त्रिंदादे गोनकाल्वेस के पास पर किया। अब हाईस्कोरिंग मैच को रोमांचक तो होना ही था। चौथा गोल खाने के बाद एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि चेन्नई बैकफुट पर गई है क्योंकि उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था। जो हासिल करना था, वह सम्मान था। इसी क्रम में उसने 88वें मिनट में एक जोरदार हमला किया। इस हमले का फायदा यह हुआ कि उसे गोवा की डिफेंसलाइन की गलती के कारण पेनाल्टी मिला, जिसे जॉन रीस ने सफलतापूर्वक गोलपोस्ट में डालकर स्कोर 4-4 कर दिया। ऐसा लगा कि यह मैच बराबरी पर छूटेगा और सम्मान की इस लड़ाई में कोई जीत नहीं सकेगा लेकिन साहिल ने अंतिम मिनट में अपने दम पर गोल करते हुए अपने साथियों और प्रशंसकों को अपार खुशी का मौका दिया। इस गोल के बाद कोच जीको ने उन्हें गले लगा लिया। जीको की देखरेख में गोवा की टीम ने बीते सीजन के फाइनल में चेन्नई का सामना किया था लेकिन उसे 2-3 से हार मिली थी। एक समय गोवा की टीम 2-1 से आगे थी लेकिन चेन्नई ने अपने स्टार खिलाड़ी स्टीवन मेंदोजा की बदौलत शानदार जीत हासिल करते हुए पहली बार यह खिताब अपने नाम किया था। वह हार गोवा के खिलाड़ियों और प्रशंसको को सालती रही थी और इसी कारण वे चाहते थे कि उनकी टीम चेन्नई को हराते हुए उस हार का हिसाब बराबर करे। साहिल के गोल ने उनकी इस चाह को पूरा कर दिया है और शायद इस जीत के बाद गोवा की टीम प्लेऑफ में नहीं पहुंचने का गम भुला दे क्योंकि उसने सम्मान की लड़ाई जीत ली है।