तिरुवनंतपुरम, 23 अप्रैल (वीएनआई)| केरल में राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवार तय करने को लेकर कांग्रेस के भीतर खींचतान शुरू हो गई है। इस सीट के लिए चुनाव जून में होना है।
राज्य से राज्यसभा के तीन सदस्य जो सेवानिवृत्त होंगे, उसमें राज्यसभा के उपसभापति व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी.जे.कुरियन, माकपा नेता सी.पी.नारायण व केरल कांग्रेस (मणि) के जॉय अब्राहम शामिल हैं। केरल विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की ताकत के दम पर कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत सकती है, और इस एक सीट पर कांग्रेस में अत्यधिक खींचतान मची हुई है। इसमें कुरियन (77) का नाम सबसे आगे है और गांधी परिवार के साथ नजदीकी होने के कारण उनके मनोनीत होने की संभावना सबसे ज्यादा है। हालांकि, केरल में पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला के बीच बंटी हुई है। दोनों गुट यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि कुरियन को यह सीट नहीं मिले।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, "कुरियन की दिल्ली में लंबी पारी रही है और वह 1980 से 1999 तक छह बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। साल 2005 से वह राज्यसभा में हैं और उनका पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव नहीं रहा है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें उनके काम का उचित पुरस्कार नहीं मिला है। इसलिए उन्हें राज्यसभा से अलग होकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। केरल में कांग्रेस के विभिन्न गुटों द्वारा समान रूप से सीटों व पदों को साझा किया गया है। चांडी चाहते हैं कि यह सीट उनके करीबी सहयोगी बेन्नी बेहनान को मिले, जो 2016 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस सीट पर वरिष्ठ नेता पी.सी.चाको की भी नजर है, जो 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए थे।
कांग्रेस की केरल इकाई के वर्तमान अध्यक्ष एम.एम.हसन भी राज्यसभा में जाना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें बीते साल वी.एम.सुधीरन के पद छोड़ने के बाद कामचलाऊ तौर पर राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस की महिला ब्रिगेड भी इस सीट पर एक महिला को चाहती है। दावेदारों में शनिमोल उस्मान, बिंदु कृष्णा व पद्मजा वेणुगोपाल शामिल हैं।समझा जाता है कि उम्मीदवार के चयन में अंतिम निर्णय वरिष्ठ नेता ए.के.एंटनी का होगा, जिनका झुकाव वेणुगोपाल के प्रति हैं। वेणुगोपाल दिवंगत के.करुणाकरण की पुत्री हैं।
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