नई दिल्ली, 27 दिसंबर, (वीएनआई) संसद के शीतकालीन सत्र में आज लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान असम की कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि महिलाओं के अधिकार के सवाल पर नहीं, लेकिन मुंह में राम बगल में छूरी से हमें ऐतराज है।
गौरतलब है तीन तलाक बिल को कांग्रेस सहित तमाम दल ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार का कहना है कि पहले ही विपक्ष के सुझावों को बिल में शामिल कर लिया गया है। वहीं इससे पहले भाजपा ने लोकसभा में चर्चा में के लिए अपने तमाम सांसदों को व्हिप जारी करके सदन में उपस्थित रहने को कहा था।
कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने चर्चा के दौरान कहा कि हमारी मांग है कि इस बिल को क्लोज स्क्रूटनी के लिए जॉइंट सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाए। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तीन तलाक कानून के नाम पर आप मुस्लिम महिलाओं को कानूनी केस के अलावा क्या दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शाहबानो-सायरा बानो केस से हमें सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर किसी कानून ने मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिया तो वह राजीव गांधी सरकार द्वारा लाए गए 1986 के कानून से मिला है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के रिवाजों में दखल देने का हक ना कोर्ट को है और ना संसद को।
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