नई दिल्ली, 8 फरवरी (वीएनआई)| कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आज प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए मोदी सरकार पर देश में भय का माहौल बनाने, लोकतांत्रिक परंपराओं को नुकसान पहुंचाने, समाज की बहुलवादी प्रकृति को खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि लोग व देश बेहद परेशान हैं।
सोनिया ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए समाज का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी तरह के प्रयास कर्नाटक में भी होंगे, जहां 2018 के अंत में चुनाव होने हैं। सोनिया गांधी ने यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक दिन पहले किए गए जोरदार हमले के बाद किया है। प्रधानमंत्री संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दोनों सदनों में कांग्रेस और इसकी पिछली सरकारों पर जमकर बरसे थे। सोनिया ने कहा कि 'अहंकार व कपट' सभी को बता रहे हैं कि मोदी सरकार अपने 'प्रचार व झूठ से जी रही है। उन्होंने कहा, हमें बीते रोज लोकसभा में प्रधानमंत्री के दिए गए भाषण के बाद और किसी साक्ष्य की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार को 'अधिकतम मार्केटिंग, न्यूनतम डेलिवरी' बताते हुए सोनिया ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन जमीनी हकीकत से परे है और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की योजनाओं को ही फिर से लागू कर रहा है। सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट पूरी तरह से जुमला है और पूछा कि वे राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मूल्य का विवरण क्यों नहीं दे रहे हैं। न्यायाधीश बी.एच.लोया की मौत का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार पर राजनीतिक रूप से संवेदनशील कानूनी मामलों पर संतोषजनक जांच की वाजिब मांग से दूर भागने व सही तरीके से जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के करीब चार सालों के शासन में देश की लोकतंत्र की नींव रखने वाले संस्थानों पर क्रमबद्ध हमला किया गया जिसमें संसद, न्यायपालिका, मीडिया व नागरिक समाज शामिल हैं।उन्होंने कहा, "राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों को ढील दी गई। भय व धमकी का एक व्यापक माहौल तैयार किया गया। उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक परंपराओं को मनमौजी तरीके से नुकसान पहुंचाया गया। हमारे समाज के बहुलतावादी प्रकृति को नष्ट किया जा रहा है, जो सदियों से हमारी ताकत रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक, दलित व महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इन पर चारों तरफ अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, हम यह उत्तर प्रदेश व गुजरात दोनों जगहों पर देख रहे हैं। हमें बिल्कुल भी संदेह नहीं है कि यह कर्नाटक में देखने को नहीं मिलेगा। इस तरह का ध्रुवीकरण लोकतंत्र में आपराधिक है, लेकिन सत्ता में मौजूद लोग फिर भी इसे दूसरे तरीके से देखते हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने चारों तरफ देश व लोगों को बेहद परेशान देख रहे हैं।
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