मुंबई, 29 नवंबर, (वीएनआई) महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में उद्धव ठाकरे के शपथ लेने के बाद शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। वहीं प्रधानमंत्री को बड़ा भाई बताते हुए महाराष्ट्र का साथ देने को कहा है।
शिवसेना में सामना के जरिये आज अपने संपादकीय में लिखा है कि महाराष्ट्र अब कतार में नहीं खड़ा रहेगा बल्कि आगे रहकर ही काम करेगा। सामना में लिखा है, महाराष्ट्र दिल्ली के दरबार में चौथी-पांचवीं कतार में खड़ा नहीं रहेगा बल्कि आगे रहकर ही काम करेगा, परंपरा यही रही है। इसी परंपरा का भगवा ध्वज महाराष्ट्र के विधानसभा और मंत्रालय पर लगराया है। भगवा ध्वज से दुश्मनी मत लो, दुश्मनी करोगे तो खुद का ही नुकसान करोगे। अब महाराष्ट्र में सुराज्य का उत्सव शुरू हो गया है, देखते क्या हो? शामिल हो!'
सामना में आगे लिखा है कि दिल्ली भले ही देश की राजधानी हो लेकिन महाराष्ट्र दिल्लीश्वरों का गुलाम नहीं है। ये तेवर दिखाने वाले उद्धव ठाकरे आज राज्य के मुख्यमंत्री पद पर विराजमाव हैं। इसलिए अब महाराष्ट्र का तेवर और सरकार का सीना तना रहेगा, ऐसा विश्वास करने में कोई दिक्कत नहीं है। दिल्ली को सबसे ज्यादा पैसे महाराष्ट्र देता है, देश की अर्थव्यवस्था मुंबई के भरोसे चल रही है। सबसे ज्यादा रोजगार मुंबई जैसा शहर ही देता है। देश की सीमा पर महाराष्ट्र के जवान शहीद हो रहे हैं। देश की सीमा की रक्षा तो महाराष्ट्र की परंपरा रही है। इसलिए अब महाराष्ट्र से अन्याय नहीं होगा और उसका सम्मान किया जाएगा, इसका ध्यान नए मुख्यमंत्री को रखना होगा।
सामना में आगे फडणवीस पर निशाना साधते हुए लिखा गया है, 'पांच साल में राज्य पर पांच लाख करोड़ का कर्ज लादकर फडणवीस सरकार चली गई। इसलिए नए मुख्यमंत्री ने जो संकल्प लिया है, उस पर तेजी से लेकिन सावधानीपूर्वक कदम रखना होगा। वहीं सामना प्रधानमंत्री मोदी को बड़ा भाई बताते हुए लिखा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे का रिश्ता भाई-भाई का है, इसलिए महाराष्ट्र के छोटे भाई को प्रधानमंत्री के रूप में साथ देने की जिम्मेदारी पीएम मोदी की बनती है। प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते। इसे स्वीकार करें तो जो हमारे विचारों के नहीं हैं, उनके लिए सरकार अपने मन में राग-लोभ क्यों रखे? महाराष्ट्र की जनता ने जो निर्णय दिया है, दिल्ली उसका सम्मान करे और सरकार की स्थिरता न डगमगाए, इसका खयाल रखे।'
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