नई दिल्ली, 19 जुलाई, (वीएनआई) संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा है कि लोकतंत्र में पहले विपक्ष की आवाज सुनी जानी चाहिए, भले ही इसमें एक व्यक्ति शामिल हो।
एक तरफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर एकजुट होकर वोटिंग करने के लिए लामबंदी कर रहा है तो वहीं बीजेपी भी अपने सहयोगियों के साथ विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने में जुटी है। विपक्ष का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का पूरा मौका मिल जाएगा, क्योंकि इस दौरान वे सदन के पटल पर उन सभी मुद्दों की चर्चा कर सकते हैं, जिनके बारे में बोलने का उन्हें का मौका संसद में मिल नहीं रहा था।
शिवसेना का भी अविश्वास प्रस्ताव पर बयान आया है। शिव सेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि लोकतंत्र में पहले विपक्ष की आवाज सुनी जानी चाहिए, भले ही इसमें एक व्यक्ति शामिल हो। जब जरूरत होगी, हम भी सरकार के खिलाफ बोलेंगे। वोटिंग को लेकर जो भी उद्धव ठाकरे हमें निर्देश देंगे, हम वही करेंगे। सूत्रों के अनुसार शिवसेना कल अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का बहिष्कार कर सकती है। खबर है कि बीजेपी सांसद संजय राउत उद्धव ठाकरे से मिलने मुंबई जाएंगे। गौरतलब है कि लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसद हैं। टीडीपी और कांग्रेस लगातार बीजेपी के नाराज सहयोगियों को भी साधने की कोशिश कर रही है और शिवसेना पर उनकी निगाहें जमीं हैं क्योंकि शिवसेना के पास 18 सांसद हैं।
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