नई दिल्ली, 27 दिसंबर, (वीएनआई) संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक बिल पर लोकसभा में आज जारी चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवाल पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बिल किसी जमात के खिलाफ नहीं, नारी सम्मान से जुड़ा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। ये बिल ना तो किसी जमात के खिलाफ है, ना ही किसी की आस्था और कम्युनिटी के खिलाफ है। ये बिल नारी की गरिमा और नारी सम्मान से जुड़ा है। गौरतलब है विपक्षी पार्टियों ने तीन तलाक़ बिल पर सवाल खड़े करते हुए इसे ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है।
लोकसभा में चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल पर इससे पहले तमाम आपत्तियां जताई गई थी, उन आपत्तियों के बाद इसमें कई बदलाव किए गए। कांग्रेस पहले इस बिल पर चर्चा के लिए तैयार थी। जब दिसंबर में बिल लाए थे तब भी बिल लोकसभा में पास हुआ था, लेकिन राज्यसभा से लौट गया था। विपक्ष की कई सिफारिशों के मुताबिक बिल में बदलाव भी किए गए हैं और पीड़ित महिला के अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को सियासत के तराजू पर नहीं इन्साफ के तराजू पर तौला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या राजनीतिक कारणों से ट्रिपल तलाक की पीड़ित महिलाओं के पक्ष में कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बिल महिलाओं के न्याय से जुड़ा है और सदन को एक सुर में बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम संसद से अपील करेंगे कि वह तीन तलाक के खिलाफ बिल पारित करे।
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