नई दिल्ली, 7 अगस्त (वीएनआई)| कांग्रेस ने आज केंद्रीय गृह मंत्रालय पर आरोप लगाया कि वह हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे को बचा रहा है। बराला के बेटे पर एक युवती का पीछा करने और उसका अपहरण करने का आरोप है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपों को कमजोर कर दिया और विकास बराला के खिलाफ जमानती आरोप दर्ज कर दिए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस बारे में जवाब देना चाहिए कि भाजपा नेता के बेटे का बचाव आखिर क्यों किया जा रहा है? इसके साथ ही सुरजेवाला ने हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष के इस्तीफे की मांग भी की है। सुरजेवाला ने कहा, विकास ने करीब सात किलोमीटर तक एक महिला का पीछा किया और उसकी गाड़ी को रोकने की कोशिश भी की। इसके साथ ही उन्होंने गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर घुसने की भी कोशिश की। क्या यह अपहरण का मामला नहीं है? क्या यह किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार का मामला नहीं है? अगर यह है, तो आरोपी के खिलाफ ये मामला क्यों दर्ज नहीं किए गए हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि पुलिस ने पहले कहा था कि यह मामला महिला के अपहरण और उसके साथ दुर्व्यवहार का भी है। इन दोनों मामलों पर जमानत नहीं मिलती है। लेकिन, पुलिस ने विकास के खिलाफ जमानती आरोप दर्ज किए हैं।
सुरजेवाला ने कहा, "पुलिस ने अपना बयान बदल दिया। उन्होंने कहा कि हमने पीछा करने का मामला दर्ज किया है। महिला का कहना है कि उसका अपहरण करने की कोशिश की गई थी। फिर यह बात एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? यह कर्तव्यच्युतता है। उन्होंने कहा, क्या यह इस बात को साबित नहीं करता कि अपराह्न् 2.30 बजे से शाम पांच बजे के बीच गृह मंत्रालय और केंद्र से संदेश चंडीगढ़ पुलिस के पास पहुंचे? आखिर वे दोषी को दंडित करने के बजाए मामले को रफा-दफा करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? सुरजेवाला ने मोदी और शाह पर भाजपा नेता के बेटे का बचाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले, हरियाणा कांग्रेस के एक नेता ने अपने बेटे के एक घटना में संलिप्तता के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में हरियाणा भाजपा अध्यक्ष को भी इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि बराला और उसके एक दोस्त को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 डी (एक महिला का पीछा करने) के तहत गिरफ्तार किया गया है। धारा 341 (अनधिकृत तरीके से रोकने) को बाद में प्राथमिकी में जोड़ा गया।
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