नई दिल्ली, 11 सितम्बर, (वीएनआई) केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले दिनों सवर्णों द्वारा किये गए भारत बंद के बाद अब सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की बात कही है।
रामविलास पासवान से जब पूछा गया कि क्या सवर्णों को कुछ आरक्षण दिया जाना चाहिए तो उन्होंने कहा कि कुछ क्यों उन्हें 15 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुल 69 फीसदी आरक्षण है, ऐसे में अगर सभी राजनीतिक दल फैसला लेते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होगी, अधिकतम 50 फीसदी के आरक्षण की सीमा कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी सवर्णों के खिलाफ नहीं हो सकती है, सवर्ण पार्टी की रीढ़ की हड्डी हैं और वह पार्टी के प्राकृतिक समर्थक हैं।
उन्होंने आगे कहा लोग मुझसे पूछते थे कि आप तो दलितों के चैंपियन हैं, आप शांत क्यों हैं। दलितों और पिछड़ा वर्ग के लिए बहुत काम किया गया है, लेकिन लोगों के भीतर ऐसी सोच को आगे बढ़ाया गया था कि दलितों, पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया गया है। लेकिन अब यह सोच बदल चुकी है, मैं हमेशा यह कहता हूं कि वीपी सिंह और नरेंद्र मोदी ने ही बीआर अंबेडकर को उनका सही सम्मान दिया है। पासवान ने कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने एसएसी/एसटी एक्ट पर फैसला दिया था, उसके बाद यह सरकार की असल परीक्षा थी, युवा सड़क पर थे, ऐसे में अगर अध्यादेश नहीं लाया गया होता तो स्थिति बिगड़ सकती थी। हमने कमेटी का गठन किया जिसकी अध्यक्षता राजनाथ सिंह कर रहे थे और फैसला लिया कि तत्काल प्रभाव से इसके खिलाफ अध्यादेश लाया जाएगा।
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