राहुल ने कहा जेटली छोटे व्यापारियों से व्यापार करने में आसानी का हाल पूछें

By Shobhna Jain | Posted on 1st Nov 2017 | राजनीति
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जम्बुसार, 1 नवंबर (वीएनआई)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नोटबंदी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि विश्व बैंक की रपट के विपरीत छोटे और मझोले व्यापार नष्ट हो गए हैं, और उन्हें व्यापार करने में कोई आसानी नहीं हुई है। 

विश्व बैंक की हालिया रपट के मुताबिक, व्यापार करने में आसानी वाले देशों में भारत की रैकिंग में सुधार हुआ है और देश 100वें स्थान से 30वें स्थान पर पहुंच गया है।  राहुल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, जेटली जी अपने कार्यालय में बैठे हुए बाहरी लोगों की सुनते हैं। मैं उनसे छोटे या मझोले व्यापारियों से मिलने का और उन लोगों से पूछने का अनुरोध करता हूं कि क्या उन लोगों के लिए व्यापार करने में आसानी में सुधार आया है या नहीं। राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल के गृहनगर भरूच में एक रैली में कहा, "पूरा देश एकजुट होकर जोर से बोलेगा कि व्यापार करने में कोई आसानी नहीं हुई है। आपके नोटबंदी और जीएसटी के फैसले ने हमें जोरदार झटका दिया है। रैली में ज्यादातर छोटे व्यापारी और किसान मौजूद थे।  उन्होंने कहा, विदेश में जो बोला जाता है, वह इस सरकार के लिए सच है, लेकिन भारत में गरीब जो बोलता है, वह उनके लिए झूठ व मजाक है।"गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी का प्रचार कर रहे राहुल गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत बुधवार से हुई। 'नवसर्जन' अभियान के अंतर्गत कांग्रेस उपाध्यक्ष दक्षिणी गुजरात के भरूच, तापी, नवसारी, वलसाड और सूरत जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात का एक वर्ग भी ऐसा नहीं है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से खुश है और देश भर में नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए गए जीएसटी को लेकर गुस्से में है। 

राहुल ने कहा, सरकार ने नोटबंदी कर अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया और सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसदी की गिरावट आ गई, लेकिन वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) यही नहीं रुके। उन्होंने कई कर दरों के साथ जीएसटी पेश किया और एक बार में ही इसका उच्च दर 28 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा, "मैंने जीएसटी को एक नया नाम दिया है..गब्बर सिंह टैक्स। इसका मतलब यह है कि जो गरीब पैसे कमाने के लिए पसीना बहाते हैं, उनका पैसा उनसे छीन लिया जाता है।" गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्विस बैंकों से काला धन वापस लाने के वादे की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि मोदी इस बात को नहीं समझ पाए कि सभी धन काले नहीं होते हैं और इसका बेहद छोटा हिस्सा नकदी के रूप में होता है। बाकी रियल एस्टेट और आभूषणों के रूप में होता है।  राहुल ने सवालिया लहजे में कहा, "मोदी सरकार को सत्ता में आए तीन साल हो गए हैं। मुझे एक भी ऐसा शख्स दिखाइए, जिसे स्विस बैंक में काला धन होने की वजह से जेल में डाला गया हो? विजय माल्या को देखो..वह लंदन में मौज कर रहे हैं? मोदी जी ने क्या किया? राहुल ने कहा कि तथाकथित गुजरात मॉडल को लेकर राज्य के हर समुदाय में गुस्सा है।  उन्होंने कहा कि सिर्फ पांच-10 उद्योगपति खुश हैं। वे भाजपा और मोदी के समर्थक हैं और मस्त हैं। उन्होंेने पटेल, दलितों, पिछड़े वर्गो द्वारा किए जा रहे आंदोलनों का हवाला देते हुए कहा कि हर कोई सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। 

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, गुजरात मॉडल पानी, बिजली और लोगों की जमीन लेता है और इसे मुट्ठीभर उद्योगपतियों को सौंप देता है। गुजरात मॉडल में आपके पास पैसा नहीं होने पर कोई भी काम पूरा नहीं होगा। उन्होंने केंद्र और राज्य में काबिज भाजपा सरकार पर मित्र पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा, ये पांच-10 बड़े उद्योगपति, मैं किसी का नाम नहीं लूंगा..चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, जल, विनिर्माण हो, हर क्षेत्र में अपना आधिपत्य चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सच्चाई का अहसास हो चुका है और गुजरात चुनाव में भाजपा को जोरदार बिजली का झटका लगने वाला है। गुजरात में सरकार किसानों, गरीबों, व्यापारियों की होगी, न कि मोदी के उद्योगपतियों की। राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम और रोजगार देने जैसी योजनाएं पूरी तरह से विफल रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन की आबादी लगभग समान है, लेकिन चीन हर साल 50,000 नौकरियां देता है, जबकि भारत में सिर्फ 450 नौकरियां पैदा होती हैं। राहुल ने कहा, मोदी जी ने कहा था कि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के अंतर्गत सबकुछ भारत में निर्मित होगा, लेकिन आज 30 लाख गुजराती बेरोजगार हैं।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी की मार श्रमिक वर्ग, किसानों, छोटे व्यवसायों व व्यापारियों पर पड़ी, जो मुख्यतया नकदी के लेनदेन पर निर्भर रहते हैं और वे अभी नोटबंदी से उबर भी नहीं पाए थे कि जीएसटी के रूप में उन्हें दूसरा झटका लगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से उन्होंेने जीएसटी को लागू करने को लेकर देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ा मामला होने के चलते राजनीति से ऊपर उठकर गंभीरता से सोचने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी।  इससे पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी द्वारा लगाए गए उस आरोप के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके(अहमद) संबंध आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े पकड़े गए दो संदिग्धों के साथ हैं। उनमें से एक संदिग्ध उस अस्पताल में काम करता था, जहां अहमद पटेल ट्रस्टी थे। मुख्यमंत्री ने पूछा था कि क्या अहमद के संबंध अंकलेश्वर के सरदार पटेल अस्पताल में काम करने वाले संदिग्ध के साथ हैं इस पर पटेल ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तार शख्स के बारे में पता लगाया और उन्हें यह मालूम पड़ा कि वह भाजपा नेताओं द्वारा स्थापित एक अस्पताल में काम करता था। केयर हॉस्पिटल, जिसका उद्घाटन नरेंद्र मोदी ने किया था। 


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