राष्ट्रपति चुनाव-संसद भवन का कमरा नंबर 62 बनेगा इतिहास का गवाह

By Shobhna Jain | Posted on 16th Jul 2017 | राजनीति
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नई दिल्ली,16जुलाई (वी एन आई)कल ्संसद भवन के कमरा नंबर 62 मे एक नया इतिहास बनेगा,देश के नये राष्ट्रपति के चुनाव  के लिये कल इस कमरे मे लोक सभा और राज्य सभा के सॉसदो के साथ कुछ राज्यो के विधायक  मतदान करेंगे. राष्ट्रपति चुनावो के लिये संसद के मनोनीत सदस्यो को छोड़ कर दोनो सदनो के सदस्य और सभी राज्यो के विधायक मतदन करते है. मतगणना आगामी 20 जुलाई को संसद भवन मे होगी. इस चुनाव के लियेसतारूढ  राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ौर विपक्षी दलो की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार चुनाव मैदन मे है. दोनो नेता अपने अपनी दावेदारी के समर्थन जुटाने के लिये देश भर का दौरा करने के बाद अब राजधानी दिल्ली मे अपने रण्नीति कारो से चर्चा कर रहे है. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल आगामी २४ जुलाई को समाप्त हो रहा है.
 इसी बीच सत्तारूढ गठबंधन ने इस चुनाव मे बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज  शाम एक बैठक  हुई.  इस बैठक में पीएम मोदी  के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ एनडीए  के नेता मौजूद थे,बैठक मे रामनाथ कोविंद खुद भी मौजूद थे और उन्होने अपने पक्ष में वोट डालने के लिए बैठक में मौजूद नेताओं और उनकी पार्टियों से अपील की. मीरा कुमार को 17 विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन चुनावी अंकगणित मे  वह कोविंद से काफी पिछड़ती दिख रही हैं.  हालांकि चुनावी आंकड़े के अनुसार रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है. ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी का प्रयास हैं कि रामनाथ कोविंद के जीत के अंतर को और बड़ा किया जाए ताकि इस शक्ति के बल पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी को और भी कमजोर किया जा सके. बीजेपी की लगातार विपक्षी खेमे के दलों को अपने पाले में करने की कोशिश में जुटे हैं. 
 
 यूपीए  के प्रमुख घटक दल और तीन राज्यों में सरकारें चला रहीं जदयू, बीजद, टीआरएस और वाईएसआरसीपी एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट देने का ऐलान कर चुकी हैं. नीतीश कुमार, नवीन पटनायक और चंद्रशेखर राव ऐसे मुख्यमंत्री हैं खुलकर रामनाथ कोविंद की तारीफ कर चुके हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव भी एनडीए प्रत्याशी को समर्थन करने की बात कर चुके हैं. जबकि इनकी पार्टी सपा और इसके मुखिया अखिलेश यादव यूपीए के प्रत्याशी मीरा कुमार के समर्थन में हैं. 
 
बिहार के राज्यपाल का पद छोड़कर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने रामनाथ कोविंद्र के समर्थन में एनडीए और गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों का 63.1 फीसदी वोट है. वैसे तो एनडीए के पास खुद कमोबेश 48.9 फीसदी वोट है और कई अन्य गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों को मिलाकर यह आंकड़ा 63 फीसदी तक पहुंच जाता है.
 
कोविंद को समर्थन देने वाली गैर एनडीए पार्टियों में जदयू (1.91 फीसदी), एआईएडीएमके (5.39 फीसदी), बीजद (2.99 फीसदी), टीआरएस (2 फीसदी), वाईएसआरसीपी (1.53 फीसदी) और रालोद (0.38 फीसदी) है. एआईएडीएमके के दोनों गुटों ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला लिया है. इससे कोविंद को मीरा कुमार पर निर्णायक बढ़त हासिल हो जाती है. 17 जुलाई को मतदान होगा और 20 जुलाई को मतगणना की जाएगी.

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