नई दिल्ली, 23 जनवरी, (वीएनआई) देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र के मूल तत्व हैं।
प्रणब मुखर्जी ने विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि देश में शांतिपूर्ण आंदोलनों की मौजूदा लहर एक बार फिर हमारे लोकतंत्र की जड़ों को गहरा और मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा भारतीय लोकतंत्र समय की कसौटी पर हर बार खरा उतरा है। पिछले कुछ महीनों में विभिन्न मुद्दों पर लोग सड़कों पर उतरे, खासकर युवाओं ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज को मुखर किया। संविधान में इनकी आस्था दिल को छूने वाली बात है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून हो या एनआरसी या यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि का मुद्दा विरोध-प्रदर्शन और अपनी राय जाहिर करने देशभर में लोग सड़कों पर उतरे हैं जिनमें अधिकांश युवा हैं। वहीं प्रणब के बयान से बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा हो सकती है।
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