लखनऊ, 20 सितंबर (वीएनआई)। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार द्वारा अपने छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर जारी 'श्वेत पत्र' को अपनी कमियों को छिपाने का जरिया बताया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को बुरा बताकर खुद को अच्छा साबित करने की योगी सरकार की यह कोशिश उनकी छोटी सोच व सस्ती लोकप्रियता का द्योतक है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक बयान में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के छह माह पूरे होने पर तथाकथित 'श्वेत पत्र' जारी कर पिछली सरकारों को घेरने की आड़ में अपनी सरकार की कमियों पर पर्दा डालने का एक घिनौना प्रयास किया है, जिसे जनता कतई पसंद नहीं करती है। उन्होंने कहा, "अब मुख्यमंत्री जनता को यह भी बता दे कि वे और कितने महीनों व वर्षो तक अपनी सरकार की कमियों पर पर्दा डालने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों पर दोष मढ़ते रहेंगे। बेहतर होता कि पूर्ववर्ती सरकारों की कमियां गिनाने के बजाय मुख्यमंत्री योगी अपनी सरकार की कमियों को लेकर 'श्वेत पत्र' जारी करते। असल में योगी उल्टी गंगा बहाने का प्रयास कर रहे हैं और अपनी सरकार के 'कारनामों' को उपलब्धि बता रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार की तरह ही विकास और कानून व्यवस्था व सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के मामले में योगी सरकार भी फिसड्डी रही है। अपनी उपलब्धियों की शून्यता के कारण ही ये भाजपा सरकारें विपक्षी पार्टियों व पूर्व की सरकारों को अपना निशाना बनाने का प्रयास करती रहती हैं, ताकि लोगों की आंखों में धूल झोंककर अपनी कमियों पर से लोगों का ध्यान बांटा जा सके। उन्होंने कहा, "किसानों को कर्ज माफी के नाम पर 10 रुपये, 25 रुपये, 100 रुपये के चेक दिए जा रहे हैं। यह जनता के साथ विश्वासघात नहीं है तो क्या है। क्या ऐसी सरकार की किसी भी बात पर भरोसा किया जा सकता है। योगी सरकार पिछले छह महीनों में जिन लोगों के इंकाउंटरों में मारे जाने का डंका पीट रही है। उससे यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या वर्ग व संप्रदाय विशेष के ही लोग अपराध करते हैं व हिस्ट्रीशीटर हैं? मायावती ने कहा, "भाजपा का विकास तो गरीबों को छलने का बस एक बहाना है, उनका असली एजेंडा तो कुछ और ही है। भाजपा सरकार के दावे अगर सही होते, तो लोगों को थोड़ा संतुष्ट जरूर नजर आना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।"
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