नई दिल्ली, 20 दिसंबर, (वीएनआई) संसद के जारी शीत सत्र में आज लोकसभा में भारतीय दंड संहिता को कुछ अहम और बड़े बदलावों को साथ भारतीय न्याय संहिता के रूप में बदल दिया गया है। आपराधिक कानूनों से जुड़े तीन बिल लोकसभा से पास हो गए हैं।
केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद बाद संसद को दोनों सदनों में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023 को पारित कर दिया है। इन बिलों पर चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। नए कानून में आतंकवाद, महिला विरोधी अपराध, देश द्रोह और मॉब लिंचिंग से संबधित नए प्रावधान पेश किए गए।
लोकसभा में चर्चा के दौरान अपने जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये विधेयक त्वरित न्याय कि दिशा में न्याय दिलाने के लिए बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, नए कानून के अनुसार अब आरोपी को बरी करने के लिए याचिका दायर करने के लिए सात दिन का समय मिलेगा। न्यायाधीश को उन 7 दिनों में सुनवाई करनी होगी और अधिकतम 120 दिनों में मामले की सुनवाई होगी। पहले दलील सौदेबाजी के लिए कोई समय सीमा नहीं थी। जबकि अब, यदि कोई अपराध के 30 दिनों के भीतर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो सजा कम होगी। मुकदमे के दौरान दस्तावेज़ पेश करने का कोई प्रावधान नहीं था। हमने 30 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज पेश करना अनिवार्य कर दिया है। इसमें कोई देरी नहीं की जाएगी।
गौरतलब है केंद्र की ओर पेश किए बिल पर चर्चा के दौरान सदन में माहौल काभी गर्म रहा। इस बीच संसद के 143 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया जा चुका है। जिन 143 सांसदों को निलंबित किया गया उनमें 97 लोकसभा सांसद हैं। जबकि राज्यसभा से 46 सांसदों का निलंबन हुआ है।
No comments found. Be a first comment here!