किरेन रिजिजू ने नागालैंड चुनाव पर कहा, समय पर चुनाव कराना संवैधानिक प्रक्रिया

By Shobhna Jain | Posted on 30th Jan 2018 | राजनीति
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कोहिमा, 30 जनवरी (वीएनआई)| केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आज कहा कि समय पर चुनाव कराना एक संवैधानिक प्रक्रिया है और सरकार संविधान के प्रावधानों से बंधी हुई है। 

रिजिजू का यह बयान कई नागा नागरिक समूहों और राजनीतिक दलों द्वारा 27 फरवरी को होने वाले नागालैंड विधानसभा चुनाव को स्थगित किए जाने की मांग के बाद आया है। नागालैंड जनजातीय होहो की कोर समिति एवं नागरिक संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय निर्वाचन आयोग 60 सदस्यीय नागालैंड विधानसभा की चुनाव अधिसूचना के साथ आगे बढ़ता है तो एक फरवरी को बंद रखा जाएगा। संगठन ने चुनाव से पहले सात दशक पुराने नागा विद्रोह के समाधान की मांग की है। रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, हमारा विश्वास है कि नागालैंड में शांतिपूर्ण चुनाव चल रही शांति वार्ता के लिए मददगार होंगे और हमारी प्रतिबद्धता को मजबूती देंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, समय पर चुनाव कराना एक संवैधानिक प्रक्रिया है और सरकार संविधान के प्रति बाध्य है। भारत सरकार लंबे समय से लंबित नागा मुद्दे को अत्याधिक महत्व देती है।

सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)और भाजपा समोत 11 राजनीतिक दलों ने सोमवार को एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने विभिन्न नागा समूहों द्वारा चुनाव से पहले नागा समस्या की समाधान की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी टिकटों का वितरण और नामांकन दाखिल नहीं करने की बात कही। इस संयुक्त घोषणा पत्र पर कांग्रेस, राकांपा, जनता दल-युनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी, आम आदमी पार्टी, यूनाईटेड नागा डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने कोर समिति द्वारा आयोजित बैठक में हस्ताक्षर किए। हालांकि, नागालैंड भाजपा इकाई के अध्यक्ष विसासोली लहौंगु ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई विधानसभा चुनाव पर पार्टी हाईकमान से मिले दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पार्टी के उपाध्यक्ष खेतो सेमा को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्होंने बिना पार्टी से सलाह मशविरा किए संयुक्त घोषणा पत्र पर चुनावों के बहिष्कार के लिए हस्ताक्षर कर दिए थे। लहौंगु ने कहा, "चुनावों के बहिष्कार के लिए नागालैंड जनजातीय होहो की कोर समिति एवं नागरिक संगठनों द्वारा आयोजित सभी दलों की बैठक में हमने उन्हें भाग लेने के लिए भेजा था लेकिन उन्होंने संयुक्त घोषणा पत्र पर बिना पार्टी से सलाह किए खुद ही हस्ताक्षर कर दिए।"

रविवार को कोर समिति की बैठक के बाद नागा अलगाववादियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर विधानसभा चुनावों मं भाग लेने की योजना बना रहे लोगों को 
धमकी दी और कहा कि वे चुनाव प्रक्रिया में भाग लेकर इस ऐतिहासिक वार्ता को नुकसान न पहुंचाए। 2017 में केंद्र ने छह नागा राजनीतिक समूहों (नागा विद्रोही गुटों) की कार्यसमिति के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। नागालैंड में हाल के वर्षो यह दूसरी बार है जब बहिष्कार का फैसला लिया गया है। शनिवार को कोर समिति ने मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत को पत्र लिखकर 27 फरवरी को होने वाले चुनाव को स्थगित करने की अपील की ताकि नागा विद्रोह मुद्दे का जल्द समाधान हो सके। समिति ने रावत को लिख पत्र में कहा है, "नागा राजनीतिक मुद्दे के लिए शांतिपूर्ण समाधान का अवसर कभी भी इतना अनुकूल नहीं रहा, जहां राजनीतिक संवाद इतने विकसित स्तर पर है और हम किसी भी कीमत पर इस मुद्दे से ध्यान भटकाना नहीं चाहते हैं।"


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