नई दिल्ली, 7 जून (वीएनआई)| मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए भारत और पाकिस्तान को बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत करनी चाहिए।
माकपा के जर्नल 'पीपल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय कॉलम में कहा गया है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से पाकिस्तान के साथ वार्ता के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। माकपा ने कहा, "लेकिन यह सशर्त नहीं हो सकता.. कि वार्ता और आतंक साथ-साथ नहीं चल सकते। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अगर मिलकर बात कर सकते हैं, दोनों देशों के डीजीएमओ बातचीत कर सकते हैं तो फिर इसकी कोई वजह नहीं है कि पाकिस्तान के साथ वार्ता नहीं हो सकती है।"
माकपा ने कहा, जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान में बातचीत के मार्ग की तलाश की उसी प्रकार पाकिस्तान के साथ कूटनीति पहल की जरूरत है। संपादकीय में माकपा ने यह चेतावनी दी कि कश्मीर घाटी के लोगों को राजनीतिक वार्ता की संभावानाओं में भरोसा नहीं जिससे राजनीतिक समाधान निकाला जा सके। मापका ने कहा, "ऐसा इसलिए है कि क्योंकि मोदी के सत्ता में आने के बाद पिछले चार साल में घाटी की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ी है।"
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