नई दिल्ली, 25 अक्टूबर, (वीएनयी) कांग्रेस पार्टी ने आज आर्थिक 'संकट' को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए नोटबंदी और जीएसटी के बाद आरसीईपी को तीसरा सबसे बड़ा झटका बताया है।
कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, आज जब आंतरिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए, तो मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना ना उचित है और ना ही तर्कसंगत है। इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था पर ये तीसरा झटका होगा, जब प्रधानमंत्री आरसीईपी पर अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि, आरसीईपी की वजह से चीन से आयात का उदारीकरण होने वाला है। हमें नहीं मालूम कि वुहान और महाबलीपुरम में क्या बात हुई, मगर वुहान और महाबलीपुरम की मुलाकात के बाद ये हो रहा है। ये मेड इन चाइना को प्रोत्साहन देने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि, हमारे कृषि क्षेत्र, डेयरी उद्योग पर संकट आएगा। अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर ने पीयूष गोयल जी को खत लिखकर आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर ना करने की बात कही। नकारात्मक प्रभाव के बारे में विस्तार से लिखा। अमूल को नजरअंदाज करने से बड़ा खिलवाड़ किसानों के साथ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि, जब हमारी अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है, तो आयात का उदारीकरण करना, आरसीईपी पर हस्ताक्षर करना आत्महत्या है। अर्थव्यवस्था डूब रही है और प्रधानमंत्री आरसीईपी पर हस्ताक्षर करते हैं, तो ये खिलवाड़ है। एक पुरानी कहावत है- विनाशकाले विपरीत बुद्धि, ये ठीक ऐसा ही होगा। गौरतलब है प्रधानमंत्री अगले महीने बैंकाक जाएंगे। जहां वे समझौते क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में हिस्सा लेंगे।
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