नई दिल्ली. 07 जुलाई, (वीएनआई) दिल्ली सहित तीन राज्यों में आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की संभावना पर कांग्रेस ने आंतरिक सर्वे के बाद गठबंधन से दूरी बनाने का फैसला किया है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को मात देने के लिए एक ओर जहाँ कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल एक महागठबंधन बनाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं कांग्रेस को आशंका है कि लोकसभा चुनावों को देखते दिल्ली में किया गया गठबंधन उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि पार्टी को अरविंद केजरीवाल पर भरोसा नहीं है क्योंकि केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि वह 2019 चुनाव में मोदी और बीजेपी का समर्थन करेंगे अगर केंद्र सरकार दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देती है। सूत्रों के अनुसार, एक कांग्रेस नेता का दावा है कि हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में एक वरिष्ठ आप नेता ने एक शीर्ष कांग्रेस कार्यकर्ता से कहा था कि उनकी पार्टी पूरी तरह से भाजपा विरोधी है। साथ ही ये भी दावा किया गया था कि 'आप' ने अपने तीन राज्यसभा सदस्यों को राष्ट्रहित के मुद्दों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाकर काम करने का स्पष्ट निर्देश दिया है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और आप की ये मीटिंग दिल्ली में चल रहे एलजी और राज्य सरकार के विवाद के दौरान हुई थी और माना जा रहा था कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ आ सकती है। जबकि आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने गलत खबर फैलाने की कोशिश की है कि 'आप' गठबंधन करने की कोशिश में थी। भारद्वाज ने कहा कि 2014 में वो जीरो सीट पर थे और 2019 में यही हालत रहेगी। वहीं कांग्रेस ने हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर आम आदमी पार्टी से दूरी बनाए रखी है।
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