नई दिल्ली, 3 जनवरी (वीएनआई)| लोकसभा में आज महाराष्ट्र हिंसा के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी।
कांग्रेस नेताओं ने राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहराया वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और 'लोगों को बांटने का आरोप लगाया।' मुद्दे को उठाए जाने से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चेताया कि आरोप-प्रत्यारोप से समस्या का समाधान नहीं होगा।कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "दलितों के विरुद्ध अत्याचार बढ़ रहे हैं और इसके लिए 'कुछ फासीवादी ताकतें' जिम्मेदार हैं। कांग्रेस ने भीमा-कोरेगांव मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग की। खड़गे ने कहा, "जब दलित सम्मान के साथ रहना शुरू करते हैं और कुछ समारोह आयोजित करते हैं, तो कुछ लोग हैं जो इसमें खलल डालना चाहते हैं। यही कोरेगांव में हुआ।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले दलित कभी भी किसी फौज का हिस्सा नहीं थे। इस पर महाजन ने कहा कि दलित शिवाजी की सेना का हिस्सा थे।खड़गे ने उसके बाद कहा, "कुछ हिंदू अतिवादी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग महारों और मराठों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जब भी भाजपा सत्ता में आती है, दलितों के साथ भेदभाव होता है। खड़गे ने दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर मोदी द्वारा चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कांग्रेस पर समाज को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, वह (खड़गे) महाराष्ट्र में समस्या नहीं सुलझाना चाहते हैं, वह लोगों को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। वह राजनीति कर रहे हैं। कुमार ने कहा, "जिस तरह से अंग्रेजों ने लोगों को बांटकर शासन किया, कांग्रेस वैसा ही कर रही है..यह शांति का संदेश देने का मंच होना चाहिए। तृणमुल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने घटना की निंदा की, वहीं शिवसेना के सांसद शिवाजी अधालराव पाटील ने इस स्थिति पर केंद्र से महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया। भाजपा के रावसाहेब पाटील दानवे ने कहा, भीमा-कोरेगांव में समारोह हर वर्ष होता है और इससे पहले कोई भी घटना नहीं हुई। लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही कार्यवाही आगे बढ़ानी चाही, कांग्रेस सदस्य इस मुद्दे पर मोदी से बयान की मांग करने लगे और अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए जिसके बाद महाजन ने सदन की कार्यवाही लगभग 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। महाराष्ट्र के सनसवाडी गांव में अंग्रेजों द्वारा निर्मित विजय स्तंभ के चारों ओर कई हजार दलित एकत्र हुए थे, जहां कथित तौर पर 'भगवा झंडाधारी कुछ दक्षिणपंथी समूहों' के लोगों ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों के बीच टकराव के दौरान बस, 30 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। घटना में नांदेड़ निवासी राहुल फतंगले (28) की मौत हो गई।
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