नई दिल्ली, 21 अक्टूबर, (वीएनआई) आजाद हिंद फौज के 75वें स्थापना दिवस पर देश में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर फिर राजनीति शुरू हो गई है।
गौरतलब है पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कांग्रेस के ऊपर नेताजी और सरदार पटेल जैसी विभूतियों को भुलाने का आरोप लगाया तो अब कांग्रेस का पलटवार करते हुए कहा है कि विरासत विहीन बीजेपी जल बिन मछली जैसे तड़प रही है। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी का आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, इसलिए वह विरासत हथिया रही है। कांग्रेस ने पिछली सरकारों में नेताजी के सम्मान में किए गए कामों को गिनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी को इतिहास पढ़ने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस के 75वें साल पर आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए देश के अनेक सपूतों चाहे सरदार पटेल हो, बाबा साहब अंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही नेताजी के योगदान को भुलाने की कोशिश हुई। प्रधानमंत्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि आजादी के बाद अगर पटेल और बोस का नेतृत्व मिलता तो स्थितियां अलग होतीं।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रधानमंत्री मोदी के हमले के बाद तुरंत पलटवार करते हुए कहा, 'एक उच्च संवैधानिक पद पर आसीन होकर शुभ अवसरों पर भी प्रधानमंत्री का 24 घंटे राजनीति की बात करना क्या शोभा देता है। क्या आज के शुभदिन पर यह जरूरी था। कभी पटेल को राजनीति में घसीट लाते हैं, कभी नेताजी को।' सिंघवी ने कहा कि विरासत विहीन बीजेपी जल बिन मछली की तरह तड़प रही है। राष्ट्रीय आंदोलन, आजादी के आंदोलन की विरासत को हथियाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि नेताजी का पूरा राजनीतिक जीवन कांग्रेस के साथ शुरू हुआ और वह कांग्रेस के शीर्ष पर पहुंचे। जब आजादी मिली तो नेहरू ने पहला मुख्य भाषण दिया तो उन्होंने उस वक्त श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि काश हमारे साथ नेताजी होते।
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