पटना, 12 दिसंबर (वीएनआई)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपनी 'विकास कार्यो की समीक्षा यात्रा' की शुरुआत महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से प्रारंभ करने जा रहे हैं।
नीतीश इस यात्रा के दौरान सभी 38 जिलों का दौरा करेंगे और विकास कार्यो का जायजा लेंगे। इस क्रम में वह आम सभा को भी संबोधित करेंगे। यात्रा निकालने की उनकी पुरानी रणनीति रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण जिले के पतिलार और कटैया गांव से करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री न केवल विकास कार्यो की जमीनी हकीकत दखेंगे, बल्कि आमसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री शराबबंदी, बाल विवाह मुक्ति और दहेज प्रथा के समाप्त करने को लेकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनजागरण अभियान की भी चर्चा करेंगे। इस यात्रा के पहले चरण में 16 दिसंबर तक मुख्यमंत्री आठ जिलों के गांवों में जाएंगे।
हालांकि, नीतीश की यह कोई पहली यात्रा नहीं है। नीतीश कुमार ने साल 2005 में बिहार की सत्ता हासिल करने से पहले चुनावी मुहिम की शक्ल में 'न्याय यात्रा' निकाली थी। इसके बाद वर्ष 2009 में विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा और प्रवास यात्रा की थी। इसके अलावा वह साल 2010 में विश्वास यात्रा, साल 2011 में सेवा यात्रा, साल 2012 में अधिकार यात्रा और साल 2014 में संकल्प यात्रा भी कर चुके हैं। वैसे मुख्यमंत्री की सरकारी यात्राओं का सिलसिला कभी आलोचना, तो कभी सराहना लिए हुए खासा चर्चित भी रही है। आलोचना इस आरोप के साथ हुई कि एक तरफ भारी ताम-झाम या शाही ठाट-बाट जैसे प्रशासनिक प्रबंधों वाली इन यात्राओं पर जनता के करोड़ों रुपये बहाए गए, मगर जन-शिकायतें भी दूर नहीं हो पाईं।
इस यात्रा के शुरू होने के पूर्व भी आलोचना शुरू हो गई। राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को 'झांसा कुमार' बताते हुए कहा है कि नीतीश ने विकास नहीं, बल्कि विनाश और सत्यानाश ही किया है। उन्होंने राजद द्वारा विकास की पोल खोलने की बात करते हुए कहा कि इसके बाद लोगों को पता चलेगा कि वह कितने बड़े 'झांसा कुमार' हैं। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार चंपारण के कटैया में विकास यात्रा के क्रम में समीक्षा करेंगे, जहां उन्होंने वर्ष 2009 में उप-स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया था। इसके बाद दुबारा उसका शिलान्यास उनके एक मंत्री ने किया। अब एकबार फिर नीतीश कुमार आठ साल में तीसरी बार उस उप-स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास करेंगे, जहां आठ साल में एक फूटी ईंट तक नहीं लगी। इधर, जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं, जो गांव-गांव जाकर विकास कार्यो का जायजा लेते हैं। उन्होंने कहा, "सरकार की विकास योजनाओं या कार्यक्रमों की जमीनी स्थिति देखने-समझने के लिए गांवों में लोगों के बीच पहुंचकर मौका-मुआयना करना और विकास कार्यो की समीक्षा करना इस यात्रा का मूल मकसद है।"
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