नई दिल्ली, 29 जनवरी (वीएनआई)| कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने आज भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी रोजगार पर चर्चा को अलग रुख दे रही है।
चिदंबरम ने कहा कि उन्हें नियमित रोजगार चाहने वालों से सहानुभूति है। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, एक युवा जो पकौड़ा बेच रहा है, वह सम्मानपूर्वक स्व-रोजगार कर रहा है, लेकिन वह गरीब और आकांक्षी है। उससे पूछो और वह आपको बताएगा कि उसे एक नियमित और सुरक्षित रोजगार चाहिए। मेरी सहानुभूति उसके साथ है। उन्होंने कहा, भाजपा को रोजगारों पर चर्चा से भागना नहीं चाहिए। पार्टी को बताना चाहिए कि पिछले तीन वर्षो में कितने नियमित रोजगारों का सृजन हुआ। गौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताहांत एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान कहा था, यदि एक शख्स पकौड़ा बेच रहा है और दिन ढलने तक वह 200 रुपये कमा रहा है, तो क्या इसे रोजगार मानना चाहिए या नहीं? मोदी के इसी बयान पर प्रतिक्रियास्वरूप चिदंबरम ने यह टिप्पणी की।
चिदंबरम ने केंद्र सरकार की ओलचना करते हुए कहा, भाजपा तोड़-मरोड़ करने और धोखे में पारंगत है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा है कि यहां तक कि पकौड़े बेचना भी रोजगार है। इसी तर्क के आधार पर तो भीख मांगना भी रोजगार है। आजीविका के लिए भीख मांगने के लिए विवश गरीबों और विकलांगों को भी रोजगार प्राप्त लोगों में गिनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, सच्चाई यह है कि बीते तीन वर्षो में रोजगारों का सृजन नहीं हुआ है और सरकार को कोई अंदाजा ही नहीं है कि रोजगारों का सृजन कैसे किया जाए? उन्होंने कहा, रोजगारों पर चर्चा में रोजगार और स्वरोजगार के बीच के अंतर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। रोजगार निश्चित, नियमित और सुरक्षित होता है। हम यह जानना चाहते हैं कि इस तरह के कितने रोजगारों का सृजन हुआ। उन्होंने कहा, "पकौड़े बेचना गरीबों के लिए सम्मानीय स्वरोजगार है लेकिन इसे रोजगार में नहीं गिना जा सकता। चिदंबरम ने कहा, भाजपा को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि पिछले तीन वर्षो में कितने निश्चित, नियमित और सुरक्षित रोजगारों का सृजन हुआ?
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