नई दिल्ली, 17 जुलाई, (वीएनआई) मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कमलनाथ एक तरफ जहां बसपा के साथ गठबंधन की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बसपा प्रमुख मायावती सिर्फ मप्र नहीं बल्कि सभी चुनावी राज्यों में गठबंधन चाहती हैं। कांग्रेस आलाकमान बसपा की इस मांग से पसोपेश में पड़ गया है।
गौरतलब है कि साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन की कोशिशों के बीच कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बीएसपी तीनों राज्यों में पार्टनर बनना चाहती है। कांग्रेस जहां संबंधित राज्यों में जरूरत के हिसाब से बसपा के साथ गठबंधन करने या न करने की सोच रही है, वहीं बसपा इस पर अडिग है कि गठबंधन होगा तो सभी चुनावी राज्यों के लिए, नहीं तो किसी भी राज्य में नहीं। कांग्रेस के रणनीतिकारों का कहना है कि इस मुद्दे को बहुत सावधानी से हैंडल करने की जरूरत है क्योंकि पार्टी की राजस्थान यूनिट बसपा के साथ गठबंधन की इच्छुक नहीं दिख रही है जबकि एमपी और छत्तीसगढ़ में इसकी पुरजोर पैरवी की जा रही है।
कांग्रेस की मप्र और छत्तीसगढ़ यूनिट को बाखूबी पता है कि दलित वोटों का साथ एक बड़ा अंतर पैदा कर सकता है जो दोनों राज्यों में लगातार 15 साल से चली आ रही बीजेपी की सत्ता पर विराम लगा सकता है। इसके उलट, राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस को अपनी बदौलत ही सत्ता में आने की पूरी उम्मीद है क्योंकि पिछले कई चुनावों से सूबे की राजनीतिक तासीर ही ऐसी है कि यहां सत्ताधारी दल का चुनाव में फिर जीतकर आना बेहद मुश्किल है। अभी राजस्थान में बीजेपी की सरकार है और कांग्रेस की स्टेट यूनिट को इस चुनाव में अपनी 'बारी' दिख रही है। वहीं सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते तीनों चुनावी राज्यों में गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस की बैठक हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने तीनों राज्यों में गठबंधन की बसपा की मांग पर गंभीरता से विचार किया जाए।
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