नई दिल्ली, 05 दिसंबर, (वीएनआई) नागरिकता संशोधन विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक के मौजूदा स्वरूप के खिलाफ है।
उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को इस विधेयक के पहलुओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक को संसदीय कमेटी को भेजने की भी मांग की। बसपा के अलावा इस बिल का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने इसे संविधान की भावना के विपरीत बताते हुए कहा है कि नागरिकों के बीच उनकी आस्था के आधार पर भेद नहीं किया जाना चाहिए।
गौरतला है कि नए नागरिता संशोधन विधेयक में पड़ोसी मुल्कों से शरण के लिए आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। जबकि इनर लाइन परमिट क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मणिपुर को अलग रखा गया है। वहीं यह बिल अगले हफ्ते सदन के पटल पर रखा जा सकता है। लेकिन इसके पहले ही इस विधेयक का विरोध होने लगा है।
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