नई दिल्ली, 20 अप्रैल (वीएनआई)| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर महाभियोग को राजनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि यह न्यायाधीश बी.एच. लोया के मौत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर न्यायपालिका को दबाने के लिए 'बदले की याचिका' है।
जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से कहा, यह न्यायमूर्ति लोया के मामले में कांग्रेस के फर्जीवाड़े के साबित हो जाने के बाद उसके द्वारा डाली गई बदले की याचिका है। उन्होंने यह बयान विपक्षी पार्टियों के सदस्यों द्वारा राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात कर उन्हें प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपने के बाद दिया। उन्होंने कहा, यह न्यायाधीशों को दबाने की कारवाई है और साथ ही इससे अन्य न्यायाधीशों को यह संदेश दिया गया है कि अगर आप हमसे सहमत नहीं हैं तो 50 सांसद आपसे बदला लेने के लिए काफी हैं। कांग्रेस और 'उसके दोस्तों' ने महाभियोग को राजनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग केवल अक्षमता या दुर्व्यवहार साबित होने के आधार पर लाया जा सकता है। उन्होंने महाभियोग प्रस्ताव पर 71 सांसदों के हस्ताक्षर करने के मुद्दे पर कहा , "बिना गंभीर मुद्दे पर भी राज्यसभा के 50 सदस्यों या लोकसभा के 100 सदस्यों के हस्ताक्षर एकत्रित करना कोई मुश्किल काम नहीं है। जेटली ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की सोहराबुद्दीन मामले में कोई भूमिका नहीं है और कारवां पत्रिका की स्टोरी और जांच फर्जी समाचार का एक टेक्स्टबुक उदाहरण है।
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