अगरतला, 12 फरवरी (वीएनआई)| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि त्रिपुरा में अगामी 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में गैर वामपंथी मतों को विभाजित कर कांग्रेस, सत्तारूढ़ माकपा की मदद कर रही है।
अमित शाह ने मीडिया से कहा, त्रिपुरा में गैर वाम मतों को विभाजित कर कांग्रेस एक तरह से सत्तारूढ़ माकपा की मदद कर रही है। हालांकि यह भाजपा को अगले सप्ताह के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता में आने से नहीं रोक सकेगा। शाह ने कहा, "मणिपुर और असम में भाजपा का छोटा आधार था, लेकिन हम वहां सत्ता में आए। इसी तरह पहले हमारी पार्टी के पास त्रिपुरा में में उतना अधार नहीं था और राज्य के 2013 में हुए चुनाव में भाजपा को मामूली 1.54 प्रतिशत मत हासिल हुआ था। इस दफा भाजपा एक बड़ी राजनीतिक शक्ति है और हम लगातार अपना आधार बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धी और भाजपा के काम ने देश के नए इलाकों और सभी क्षेत्रों में पार्टी के आधार को बढ़ाने में मदद की है। शाह ने कहा कि त्रिपुरा देश में भाजपा शासित 20वां राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, "भाजपा की बढ़ती ताकत से माकपा कैडर में डर का माहौल है और वे भाजपा सदस्यों पर हमले कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन का एक हिस्सा माकपा कैडर के इशारे पर काम कर रहा है। माकपानीत वाम मोर्चे की सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद त्रिपुरा सरकार ने केंद्र सरकार से विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के लिए 18 हजार करोड़ और 950 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त की।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "वाम सरकार केंद्रीय निधि का दुरुपयोग कर रही है। 25 साल पहले बेरोजगार लोगों की संख्या 25 हजार थी और 25 साल बाद माकपा सरकार के शासन में यह आंकड़ा बढ़कर सात लाख हो गया है। शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने मणिपुर में सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की हैं। त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद इस राज्य में भी लागू की जाएंगी। शाह ने कहा, वाम शासन के तहत त्रिपुरा काफी पीछे चला गया है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद त्रिपुरा देश में एक मॉडल राज्य के रूप में जाना जाएगा। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए रविवार 18 फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती तीन मार्च को की जाएगी।
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