नई दिल्ली, 28 जून, (वीएनआई) लोकसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज अपना पहला भाषण देते हुए जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पेश किया।
दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे से लौटने के बाद अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा था जो दो जुलाई 2019 को पूरा हो रहा है, राज्य में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है इसलिए 6 माह के लिए राष्ट्रपति शासन को बढ़ाया जाए। अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग ने भी केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक दलों से बात करके निर्णय लिया है कि इस साल के अंत में ही वहां चुनाव कराना संभव हो सकेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा, पिछले एक साल के अंदर जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए इस सरकार ने बहुत से कार्य किए हैं। जम्मू-कश्मीर में कई सालों से पंचायत के चुनाव नहीं कराये जाते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पिछले एक साल में वहां 4 हजार से अधिक पंचायतों में चुनाव कराए और 40 हजार से अधिक पंच सरपंच आज लोगों की सेवा कर रहे हैं। शाह ने कहा, 'पहले कई बार जम्मू कश्मीर में हमने रक्त रंजित चुनाव देखे हैं। सबको इस पर मलाल होता था। संसद के चुनाव में भी हिंसा नहीं हुई है। ये दर्शाता है कि जम्मू कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर बेहतर है।'
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