नई दिल्ली 03 फरवरी (वीएनआई) दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार और कृष्णानगर से चुनाव लड़ रहीं किरण बेदी के चुनाव कार्यक्रमों के प्रभारी नरेंद्र टंडन ने सोमवार को उन पर \"तानाशाही रवैया अपनाने\" का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया, लेकिन फिर बाद में इसे वापस भी ले लिया। टंडन ने दिल्ली के संगठन मंत्री पर भी आरोप लगाया है और उन्हें भ्रष्ट बताते हुए जांच कराने की मांग की है। लेकिन, बाद में उन्होंने शाह से मिलने के बाद अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा, मैं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता था और रहूंगा। मैं कुछ भावुक हो गया था, लेकिन अब मैंने इस्तीफा वापस ले लिया है और मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।
बीजेपी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरन बेदी को लेकर पार्टी में पहली बार बगावत खुलकर सामने आई है.
गौरतलब है कि टंडन ने किरन बेदी पर हुक्म चलाने और किरन बेदी की सहयोगी पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए आज सुबह नरेंद्र टंडन ने इस्तीफा दिया था. टंडन ने चिट्ठी के जरीए अपना इस्तीफा अमित शाह को भेजा दिया था.
टंडन ने किरन बेदी से नाराज़ होकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को जो चिट्ठी लिखी है उसमें उन्होंने लिखा है \" वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से इस्तीफा दे रहे हैं\". उन्होंने आगे लिखा है, \"मैं पिछले लगभग 30 साल से बीजेपी से जुड़ा रहा हूं और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहा हूं लेकिन आज जिस तरह किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है मैं उससे आहत हूं.\"
टंडन ने लिखा , \"जिस किरण बेदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर निर्ममता से डंडे बरसाये थे, ना जाने कितने कार्यकर्ताओं के सिर फटे, टांगें टूटीं और वो किरण बेदी आज हम पर राज करेंगी. मैं पिछले 10 दिनों से किरण बेदी के कार्यक्रम और सारे रूट देख रहा था और जिस तरह वे हम लोगो को निर्देश दे रहीं थीं वो असहनीय हो गया था.\"
उन्होंने यह भी लिखा है, \"उनकी सहयोगी बात बात पर मुझे जलील करती थी. मैंने 11 दिन पूरी मेहनत और लगन से काम किया, अब नहीं कर सकता. दिल्ली के निर्लज्ज संगठन मंत्री जो सिर्फ महिलाओं और पैसे में ही रुचि रखते हैं, (उऩ) जैसे भ्रष्ट व्यक्ति को (आपने) चार्ज (भार) सौंप दिया. अध्यक्ष जी आप अपनी जांच करा लो, ये व्यक्ति क्या हैं आपको पता चल जाएगा.\"