विमुद्रीकरण-फैसला न तो जल्दबाजी में और न ही जल्दबाजी का कोई कारण,फैसला आरबीआई के परामर्श के तहत--अमित शाह

By Shobhna Jain | Posted on 17th Dec 2016 | राजनीति
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नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (वीएनआई) भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि विमुद्रीकरण क़ा फैसला जल्दबाजी में नहीं, बल्कि आरबीआई के परामर्श के तहत लिया गया। उन्होने कहा यह फैसला न तो जल्दबाजी में लिया गया और न ही जल्दबाजी का कोई कारण था। इंडिया टीवी के कार्यक्रम 'आप की अदालत 'में अमित शाह ने कहा कि 50 दिनों की समय सीमा 30 दिसंबर को खत्म हो रही है, जिसकी योजना बेहद सोच-समझकर बनाई गई थी। एटीएम तथा बैंकों को 30 दिसंबर की समय सीमा तक नकदी की समस्या से निजात मिल जाएगी। शाह ने कहा, आरबीआई से न तो कुछ छिपाया गया और उससे परामर्श नहीं लेने की बात भी गलत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का फैसला सक्षम अधिकारियों से परामर्श के बाद लिया गया। वर्तमान में नकदी की कमी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा नोटों की छपाई में विलंब की वजह से हुआ। उन्होंने कहा, नोटों की छपाई में विलंब की वजह से नकदी की कमी हुई और इसे गंतव्यों तक पहुंचाने में लगने वाले समय के कारण 50 दिनों की समय सीमा तय की गई। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि 50 दिनों की समय सीमा के बाद बैंकों के बाहर कतारें खत्म हो जाएंगी, लेकिन अधिकांश परेशानी खत्म हो जाएगी। भाजपा अध्यक्ष ने यह उम्मीद भी जताई कि दो महीने के अंदर फैक्ट्रियों में व्यापार पटरी पर आ जाएगा। उन्होंने कहा, "फैक्ट्रियां नकदी की कमी की वजह से बंद नहीं हैं, बल्कि उनमें लगभग 30-40 फीसदी लेनदेन जो पहले चेक के माध्यम से नहीं हो रहे थे, अब उनमें बदलाव होगा और व्यापारी उस लेनदेन को बही में दर्ज करेंगे। वी एन आई

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