एक तरफ समाजवादी पार्टी मे फिर से सुलह की सुगबुगाहट-दूसरी तरफ मुलायम खेमे के बाद आज अखिलेश धड़े ने भी ठोका चुनाव आयोग मे अपने को असली पार्टी बताने का दावा

By Shobhna Jain | Posted on 3rd Jan 2017 | राजनीति
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लखनऊ/नयी दिल्ली,३ जनवरी (वी एन आई)एक तरफ जहा आज एक बार फिर समाजवादी पार्टी मे सुलह की कौशि्शो की सुगबुगाहट शुरू होने की खबरे है वही अखिलेश धड़ा सपा पर कब्जे की लड़ाई को ले कर आज साइकिल पर अपना दावा ठोकने चुनाव आयोग पहुंच गयाआखिलेश के करीबी शिव पाल यादव ने चुनाव आयोग मे हुई मुलाकात के बाद कहा कि उन्होने आयोग से कहा कि उन का दल ही असली समाजवादी पार्टी है. इससे पूर्व कल मुलायम सिंह यादव ने पार्टी नेताओं शिवपाल यादव, अमर सिंह और जया प्रदा के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की और खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए कहा कि सपा के चुनाव चिह्न ‘साइकिल' पर उनका ही स्वाभाविक दावा बनता है. अब सपा की लड़ाई की गेंद आयोग के पाले में है. इधर पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि सपा में जिस तरह की लड़ाई जारी है, उससे पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल फ्रीज हो सकता है.साइकिल का हैंडल कौन थामेगा अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में है हालांकि यह भी सही है कि इस तरह के मामलों में फैसले के लिए कई महीनों का वक्त चाहिए. इसी धारणा के चलते आशंका व्यक्त की जा रही है कि ऐसे में साइकिल का चुनाव चिन्ह फ्रीज जब्त हो सकता है. और दोनो को अस्थाई चुनाव चिन्ह लेना होगा. इसका अहसास दोनों खेमों को है, लेकिन हथियार डालने को कोई तैयार नहीं. चुनाव आयोग के मुताबिक वह दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ही फैसला करेगा, जिसकी सुनवाई कोई सदस्य नहीं बल्कि पूरा कमीशन करेगा, लेकिन इसमें कुछ महीनों का वक्त लग सकता है. पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के मुताबिक, इस तरह के मामलों में फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक दिए जाते हैं. देखा जाएगा कि बहुमत किसके साथ है. फैसला नहीं होने पर चुनाव चिन्ह फ्रीज हो जाएगा. दोनों पक्षों को अस्थायी चुनाव चिन्ह मिलेगा. दोनों पार्टियां भी अस्थायी चिह्न चुन सकती हैं. इसी बीच आज एक बार फिर समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिशें तेज हो गई हैं.ैसा माना जा रहा है कि आज लखनउ मे पिता मुलायम और बेटे के बीच मुलाकात हो सकती है.सूत्रो के अनुसार यह कोशिश आजम खान कर रहे हैं.सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए वह मुलायम सिंह यादव से मिलने दिल्ली पहुंचे, लेकिन मुलायम से फोन पर ही बात हो पाई. अखिलेश यादव ने भी मुलायम से फोन पर बात की.इसके बाद अचानक मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ लौटने का फैसला कर लिया. रेगुलर फ्लाइट में अचानक टिकट न मिलने की वजह से उन्होंने चार्ट्ड प्लेन लेने का निर्णय किया. सूत्रो के अनुसार आजम खान ने अखिलेश और मुलायम से अलग-अलग बातचीत की है, जिसके बाद मुलायम और अखिलेश मिलने को भी तैयार हो गए हैं. आजम खान ने कहा कि कोई नहीं चाहता कि समाजवादी सरकार जाए. अल्पसंख्यक समुदाय में इसे लेकर मायूसी है. लेकिन अभी समय है. अभी सारे दरवाजे बंद नहीं हुए हैं.सपा को एकजुट करने की कोशिशें जारी हैं. समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कल कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़ी हुई है और उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन प्राप्त है. मुलायम ने मीडिया से कहा कि उन्होंने बेदाग जीवन जीया है और सर्वोच्च न्यायालय ने भी उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें क्लीन चिट दे दी है. वहीं मुलायम के छोटे भाई और सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह हमेशा अपने भाई के साथ रहेंगे. शिवपाल ने कहा, मैं हमेशा नेताजी के साथ रहा हूं और अपनी आखिरी सांस तक उनके साथ रहूंगा. उन्होंने कहा कि मुलायम अब भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और रहेंगे.

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