नई दिल्ली (वीएनआई) 28 अप्रैल दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवली को अगस्त 2023 में इस पद पर नियुक्त किया गया था।इससे पूर्व कांग्रेस सरकार में 15 साल मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने भी कांग्रेस से दिया इस्तीफा दे दिया था अरविंदर सिंह लवली ने उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा है। उन्होंने इसके पीछे का कारण आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन को बताया है. ०अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया पर कई आरोप लगाए हैं।पिछले दिनों संदीप दीक्षित ने दीपक बावरिया की बैठक में कन्हैया कुमार को टिकट दिए जाने का विरोध किया था। इसके बाद उदित राज को लेकर हुई बैठक में पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने विरोध किया था। इसके बाद राजकुमार चौहान ने इस्तीफा दे दिया था और और इस्तीफा देने की वजह दीपक बावरिया को बताया था।
लवली ने कहा कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाकर बनी थी, फिर उससे गठबंधन कैसे हो सकता है? अरविंदर सिंह लवली इस्तीफा देते हुए लिखा, "दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया." उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को केवल तीन ही सीटें दी गईं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दी गई।
लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया है. उन्होंने लिखा, "्दिल्ली प्रदेश कोंग्रेस कमिटी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे "्दिल्ली प्रदेश कोंग्रेस कमिटी में कोई भी वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है. "्दिल्ली प्रदेश कोंग्रेस कमिटीके मीडिया प्रमुख के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था. आज, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने "्दिल्ली प्रदेश कोंग्रेस कमिटी को शहर में सभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में 150 से अधिक ब्लॉकों में वर्तमान में कोई ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है."
लवली ने यह भी कहा कि गठबंधन के अनुसार, दिल्ली कांग्रेस को वर्तमान आम चुनाव लड़ने के लिए तीन संसदीय सीटें आवंटित की गई हैं. उन्होंने दिल्ली के सीएम की झूठी तारीफ करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली क्षेत्र में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का समर्थन करने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) द्वारा की गई टिप्पणियों का भी ज़िक्र किया . उन्होंने कहा, "इस तरह के गलत विचार और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान स्थानीय पार्टी इकाई को पसंद नहीं आए, क्योंकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को यह अंतर्निहित समझ थी कि गठबंधन दिल्ली के विकास के आप के झूठे प्रचार की सराहना के लिए नहीं किया गया था और वास्तव में ऐसा था" उन्होंने कहा, "एक समझौता (राष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में) पार्टी की जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए था."
लवली ने कहा कि चूंकि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें उक्त पद पर बने रहने का कोई कारण नजर नहीं आता.
ताज़ा समाचारों के अनुसार दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित सहित पार्टी के कई नेता उनके आवास पर पहुंचे। लवली से मुलाकात के बाद संदीप दीक्षित ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस का कार्यकर्ता होकर उनमें (अरविंदर सिंह लवली) एक व्यक्तिगत पीड़ा है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस समय संघर्ष के दौर से गुजर रही है।उन्होंने कहा, कि दिल्ली में हम अपनी पुरानी साख को लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कांग्रेस का अध्यक्ष बनना कांटों का ताज है। इसके बावजूद पिछले 6-8 महीने में उन्होंने मेहनत करके पार्टी खड़ी की। सबको ये लगा था कि धीरे-धीरे कांग्रेस जागृत हो रही है और जब हमें 2 या 3 सीटें मिलती है तो ऐसा लगता है कि अगर हम कांग्रेस के सभी लोगों की सहमति के साथ लोगों को सीट दें तो आगे गाड़ी बेहतर चलेगी।"
वहीं, लवली से मुलाकात के बाद पार्टी नेता सुभाष चोपड़ा ने कहा, "मैंने उनसे पूछा कि क्या कारण है कि उन्होंने (दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से) इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सभी कारण पार्टी अध्यक्ष को भेज दिए गए हैं। यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है और हम इसे चर्चा के जरिए सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं।"
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