नई दि्ल्ली 04 मार्च (वीएनआई) आम पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल अपना इलाज कराने दिल्ली से बाहर बेंगलूरु मे हैं ,इधर दिल्ली मे हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ,योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च नीति नियामक संस्था, राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से बाहर करने का फैसला किया गया है ,जबकि पार्टी संयोजक पद से अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया.
पार्टी में मचे अंदरूनी घमासान के बाद दिल्ली में बुधवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ.योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से हटाने का फैसला बहुमत से लिया गया. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी से बाहर निकाले जाने के पक्ष में 11 मत पडे जबकि विपक्ष में आठ मत पडे. बैठक के बाद बाहर निकले प्रशांत भूषण ने इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि दोनों को हटाने का फैसला बहुमत से हुआ और कार्यकारिणी का फ़ैसला सबके लिए मान्य होता है. यह पूछने पर कि उनका अगला कदम क्या होगा, भूषण ने कहा कि वे पार्टी में बने रहेंगे और जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे निभाएंगे.वहीं फ़ैसले के बाद आप नेता कुमार विश्वास ने कहा, "बैठक में आप के सभी साथियों ने कहा कि सब पार्टी के साथ हैं. पार्टी में फ़ैसला किया गया है कि दो वरिष्ठ साथियों योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को नई ज़िम्मेदारी दी जाए जो बाद में तय की जाएगी. साथ ही संयोजक पद से अरविंद केजरीवाल का इस्तीफ़ा नामंज़ूर कर दिया गया."
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से अरविंद केजरीवाल के योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के बीच रिश्तों मे खटास की खबरेलगातार आ रहीं हैं. आम आदमी पार्टी ने भी कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ़्रेस में कहा था कि केजरीवाल को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से हटाने की कोशिशें हो रही हैं
बीमारी के कारण अरविंद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं थे, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के संयोजक पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। केजरीवाल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी को इस बाबत चिट्ठी दी थी. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की पेशकश करते हुए लिखा था कि एक साथ दो पद को निभाना मुश्किल है. इस वजह से मैंने व्यस्तता के कारण संयोजक के पद से इस्तीफा दे दिया है. अब मैं सिर्फ दिल्ली पर ध्यान लगाना चाहता हूं
कल केजरीवाल ख़ुद इस पूरे घटनाक्रम पर दुख जता चुके हैं. अपने एक ट्वीट में उन्होने लिखा था, ‘दिल्ली ने हमारे ऊपर भरोसा जताया है. ये उनके साथ धोखा है. मैं सिर्फ़ दिल्ली के शासन पर ध्यान दूंगा. जनता के भरोसे को किसी भी हालत में टूटने नहीं दूंगा.’