दादा साहेब फाल्के अवार्ड विजेता कवि प्रदीप की स्मृति में

By Shobhna Jain | Posted on 3rd Jul 2021 | देश
altimg

नयी  दिल्ली 3/7/2021(सुनील कुमार -वीएनआई)

   दादा साहेब  फाल्के  अवार्ड विजेता कवि प्रदीप की  स्मृति  में                                                                                                 

 

 कवि प्रदीप का जन्म 6  फरवरी  1915  को मध्य  प्रदेश  के उज्जैन  प्रान्त  में हुआ वे  11  दिसंबर 1998 को  दुनिया  को अलविदा  कह गए    वे कवि  और  गीतकार थे  देशभक्ति गीत "ऐ मेरे वतन के लोगों ........" उन्ही  की  रचना  है । कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था।  कवि प्रदीप की पहचान 1940 में रिलीज हुई फिल्म बंधन से बनी। हालांकि 1943 की स्वर्ण जयंती हिट फिल्म किस्मत के गीत "दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिंदुस्तान हमारा है" ने उन्हें देशभक्ति गीत के रचनाकारों में अमर कर दिया। गीत के अर्थ से क्रोधित तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। इससे बचने के लिए कवि प्रदीप को भूमिगत होना पड़ा..

पांच दशक के अपने पेशे में कवि प्रदीप ने 71 फिल्मों के लिए 1700 गीत लिखे.] उनके देशभक्ति गीतों में, फिल्म बंधन (1940) में "चल चल रे नौजवान", फिल्म जागृति (1954) में "आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं", "दे दी हमें आजादी बिना खडग ढाल" और फिल्म जय संतोषी मां (1975) में "यहां वहां जहां तहां मत पूछो कहां-कहां" है।

आपने हिंदी फ़िल्मों के लिये कई यादगार गीत लिखे। भारत सरकार ने उन्हें सन 1997-98 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।

 


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india