नई दिल्ली, 14 अगस्त (वीएनआई) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए देश को आजादी दिलाने वाले हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की चर्चा की। साथ ही कहा कि महात्मा गांधी ने देश को एकजुट करने का काम किया। राष्ट्रपति ने कहा कि 15 अगस्त के दिन जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं, जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है, जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अनेक सेनानियों को याद करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी। अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। उन्होंने आगे कहा, मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया। साथ ही, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जन-नायक भी सक्रिय थे।
No comments found. Be a first comment here!