नई दिल्ली, 10 जनवरी, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक पॉडकास्ट में कहा कि वह कभी भी कम्फर्ट जोन में नहीं रहे और उनकी जोखिम लेने की क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं हुआ है।
जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग जीवन में असफल होते हैं जब उन्हें कम्फर्ट जोन की आदत हो जाती है। उन्होंने कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने जीवन को कम्फर्ट जोन में नहीं बिताया, कभी वहां नहीं रहा... जब से मैं कम्फर्ट जोन से बाहर आया हूं, मुझे पता है कि मुझे क्या करना है। शायद मैं कम्फर्ट के लिए अयोग्य हूं...। उन्होंने आगे कहा, "मैंने जिस तरह का जीवन जिया है, यहां तक कि छोटी चीजें भी मुझे संतुष्टि देती हैं।'' मोदी ने आगे कहा कि लोग जीवन में असफल होते हैं जब उन्हें कम्फर्ट जोन की आदत हो जाती है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि अगर कोई बड़ा उद्योगपति जोखिम नहीं उठाता है और कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं आता है, तो प्रगति वहीं समाप्त हो जाएगी और उसे बाहर आना होगा। जो कोई भी किसी भी क्षेत्र में प्रगति करना चाहता है, उसे कम्फर्ट जोन की आदत नहीं डालनी चाहिए, जोखिम लेने की मानसिकता एक प्रेरक शक्ति है।'
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