सुनील कुमार ,वी एन आई ,नयी दिल्ली 30 -12-2016
सच को नकारा जा सकता है ,पर इससे सच नहीं बदलता
सच क़ुछ क्षणों के लिए पीड़ादायक हो सकता है पर झूठ की पीड़ा हमेशा के लिए होती है
जितनी देर में सच चलने की तैयारी करता है उतनी देर में झूट आधा संसार घूम लेता है
अगर आप सच बोलते हैं तो आप को कुछ और याद करने की जरुरत नहीं