ढूंढिये अपने आस पास उस नन्ही सी चिड़िया को जिसे हमने अपने बचपन में घर के आंगन में, अपने घरों की खिड़कियों पर कभी चीं- चीं कर फुदकते हुए दाना चुगते हुए देखा था.सोचिये क्या हमारी वजह से गायब हुई गौरेया. सोचिए.. सोचिए.
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