नई दिल्ली, 22 मार्च, (वीएनआई) आज से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र इस बार पूरे नौ दिन रहेंगे। इस वर्ष देवी का आगमन नौका पर होगा। यह सभी के लिए सुखद और सर्वसिद्धिप्रद रहेगा। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
शुक्ल और ब्रह्म योग में प्रारंभ हो रहे नवरात्र में देवी की पूजा विशेष फलदायी रहेगी। वहीं एकादशी तिथि 21 मार्च को रात्रि 10 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ होगी जो 22 मार्च को रात्रि 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। जबकि आज शुक्ल योग प्रात: 9.15 तक रहेगा इसके बाद ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा।
चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हो रही है। भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। इनका वाहन वृषभ है। शैल पुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हें पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी और इनके दर्शन मात्र से वैवाहिक कष्ट दूर होते हैं। नवरात्रि में देवी की पूजा का खास महत्व है। दुर्गा का अर्थ है परमात्मा की वह शक्ति, जो स्थिर और गतिमान है, लेकिन संतुलित भी है। किसी भी तरह की साधना के लिए शक्ति का होना जरूरी है। यह शक्ति हमें देवी मां की पूजा करने से मिलती है।
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