मध्यप्रदेश मे परेशान किसानो की हिम्म्मत दे रही है जबाव,पिछले चौबीस घंटे मे तीन किसानो ने आत्महत्या की,मुख्यमंत्री का कल ्हिंसा के केन्द्र रहे मंदसौर का दौरा

By Shobhna Jain | Posted on 13th Jun 2017 | देश
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भोपाल,१३ जून (वी एन आई)मध्य प्रदेश में परेशान किसानो की हिम्मत जबाव दे रही है और किसानों के खुदकुशी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 24 घंटों में अभी तक 3 किसान खुदकुशी कर चुके हैं, जिस मे एक किसान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ्के निर्वाचन क्षेत्र सीहोर से है, ऐसी खबर है कि मुख्यमंत्री कल पीड़ित किसानो के परिजनो से मिलने कल मंदसौर जायेंगे,इसी बीच गुजरात के युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और उनके चार साथियो को जब वे मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे तो नीमच जिले के नयागांव बैरियर से हिरासत में लिया गया। . किसान आंदोलन के दौरान यहां पुलिस गोलीबारी में 6 किसानों की मौत हुई थी, जिसके बाद आंदोलन ने हिंसा रुप ले लिया था. मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल राज्य के होशंगाबाद जिले के सियोनी मालवा गांव में कर्ज में दबे एक किसान ने खुदकुशी कर ली है. किसान का नाम माखनलाल बताया जा रहा है. गौरतलब है कि राज्य में 1 जून से किसान आंदोलन चल रहा है. इस दौरान पुलिस कार्रवाई में 5 किसानों की गोलीबारी में मौत हो गई थी, वहीं कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है. कल रेहटी तहसील में आने वाले ग्राम जाजना के एक किसान ने छह लाख रुपए के कर्ज से तंग आकर जहर खाकर मौत को गले लगा लिया था. जानकारी के अनुसार ग्राम जाजना निवासी दुलचंद (55) पिता गोविन्द कीर ने ्कल अपने ही घर में कीटनाशक पी ली. मृतक के पुत्र शेर सिंह ने बताया घर पर कोई नहीं था, उनके पिता के अचेत होने की सूचना पर उन्हें रेहटी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. प्रथम दृष्टया किसान की मौत का कारण कीटनाशक पीने से सामने से आया है. मृतक के पुत्र शेर सिंह ने बताया कि उसके पिता पर चार लाख रुपए बैंक और दो लाख रुपए अन्य का कर्ज था. इसके कारण वह काफी दिनों से परेशान थे. कर्ज से परेशान होकर आज उन्होंने मौत को गले लगा लिया. इसी बीच मध्य प्रदेश की गृह सचिव मधु खरे का कल तबादला कर दिया गया था. उन्हें खादी ग्रामोद्योग विभाग में भेजा गया है. मधु खरे की जगह केदार शर्मा लेंगे. मंदसौर फायरिंग के बारे में पहले तो सरकार ने दावा किया था कि पुलिस ने फायरिंग नहीं की थी. इसके बाद किसानों का प्रदर्शन और उग्र हो गया. बाद में सरकार ने पुलिस फायरिंग की बात स्वीकार की. गौरतलब है कि राज्य में शांति बहाली के मकसद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते शनिवार उपवास पर बैठे थे, उन्होंने लगभग 27 घंटे के बाद अपना उपवास तोड़ा था. शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हिंसा के लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं. शिवराज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की साजिश से आंदोलन हिंसक हुआ है. कर्ज माफी समेत समर्थन मूल्यों जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर 6 जून को मंदसौर में पुलिस ने फायरिंग कर दी थी. पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी. जिसके बाद किसानों के आंदोलन ने और उग्र रूप ले लिया था. पूरे प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है.

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