नई दिल्ली, 26 जनवरी (वीएनआई)| 68वें गणतंत्र दिवस की परेड में देश के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस और एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यू एंड सी) ने आज पहली बार अपनी ताकत दिखाई।
आसमान में बदली छाए रहने के बावजूद 300 मीटर की ऊंचाई पर 780 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरकर तीन लड़ाकू जेट विमानों ने राजपथ पर दर्शकों को हैरत में डाल दिया। इससे पहले एलसीए ने पिछले साल भारतीय वायु सेना दिवस पर भी उड़ान भरी थी। इसने आईएएफ की प्रदर्शनी आयरन फर्स्ट, एयरो इंडिया और बहरीन अंतर्राष्ट्रीय एयरशो में भी अपनी ताकत दिखाई थी।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा विकसित और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. द्वारा प्रस्तुत स्वदेशी निर्मित तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो 1,350 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमता रखता है और इसकी तुलना फ्रांस के मिराज 2000, अमेरिकन एफ-16 और स्वीडन के ग्रिपेन सहित विश्व के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों से की जाती है। तेजस को जुलाई 2016 में भारतीय वायुसेना के 45वें स्क्वाड्रन में शामिल किया गया था। विमानों की संख्या को मौजूदा आठ से बढ़ाकर प्रतिवर्ष 16 करने की योजना है।