नई दिल्ली, 13 नवंबर, (वीएनआई) सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को लड़ाकू विमान राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है।
गौरतलब है कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने समझौते को लेकर हड़बड़ी दिखाई। कांग्रेस ने कहा कि यूपीए सरकार के समझौते में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी की बात कही गई थी और 108 विमानों के भारत में एसेंबलिंग की बात तय हुई थी। इस सौदे को करने के लिए एनडीए सरकार को इतनी हड़बड़ी क्यों थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सौदे में एचएएल को 25000 करोड़ रुपये का घाटा होगा।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में फ्रांस ने भारत सरकार को राफेल की पहली खेप सौंपी है जिसे लेने खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस पहुंचे थे।
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