नई दिल्ली, 09 नवंबर, (वीएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद के ढांचे के नीचे मंदिर होने के सबूत मिले थे।
सूत्रों के अनुसार चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद के ढांचे के नीचे मंदिर के सबूत मिले थे। कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद के नीचे 12वीं सदी के मंदिर के सबूत मिले थे।कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सबूत बताते हैं कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी और खुदाई में मस्जिद के नीचे गैर-इस्लामिक ढांचा मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू अयोध्या में भगवान राम का जन्मस्थान मानते रहे हैं, उनकी धार्मिक भावनाएं हैं। मुस्लिम उसे बाबरी मस्जिद करते हैं। यहां हिंदुओं का यह विश्वास कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है। अदालत ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि हिंदुओं का विश्वास और आस्था है कि भगवान राम का जन्म स्थान गुंबद के नीचे है। आस्था व्यक्ति विश्वास का मसला है। कोर्ट ने कहा कि मामले को आस्था और विश्वास के आधार पर नहीं बल्कि दावों के आधार पर तय किया जा सकता है। ऐतिहासिक तथ्य इस बात के प्रमाण देते हैं कि अयोध्या में ही भगवान राम का जन्मस्थान था। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि इस बात के सबूत हैं कि सीता रसोई और राम चबूतरे की पूजा हिंदू देश में अंग्रेजों के आने से पहले से करते रहे हैं। रेकॉर्ड्स से पता चलता है कि विवादित परिसर के बाहरी हिस्से पर हिंदू पक्ष का कब्जा था। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने सुनवाई के दौरान एएसआई की रिपोर्ट पर यह कहते हुए सवाल उठाया था कि पुरातत्व विभाग के निष्कर्ष अनुमानों पर आधारित होते हैं और इन्हें वैज्ञानिक नहीं माना जा सकता।
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