नई दिल्ली, 17 जुलाई, (वीएनआई)। सर्वोच्च न्यायलय ने अलग-अलग शहरों में भीड़ द्वारा लोगों को मारने के मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है। न्यायलय ने भीड़ द्वारा लोगों को मारे जाने पर कहा कि देश में किसी भी नागरिक को इस बात का अधिकार नहीं है कि वह कानून को अपने हाथ में ले, इसके लिए सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। 20 अगस्त को न्यायलय इस मामले में एक बार फिर से हालात की समीक्षा करेगा।
सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि भय और अराजकता के माहौल में राज्य को सकारात्मक रुख दिखाना चाहिए, हिंसा को किसी भी हाल में इजाजत नहीं दी जा सकती है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कई शहरों में भीड़ द्वारा लोगों को मारने की घटनाएं सामने आई हैं। कई जगहों पर व्हाट्सएप पर अफवाह के चलते लोगों को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला है।
न्यायलय ने इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र की जगह भीड़तंत्र नहीं ले सकता है, इससे निपटने के लिए सरकारें अलग-अलग कानून बनाएं। साथ ही न्यायलय ने कहा कि चार हफ्ते के भीतर निर्देश लागू करे सरकार, साथ ही संसद को भीड़तंत्र के खिलाफ कानून बनाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही न्यायलय ने भीड़ की शिकार पीड़ित को मुआवजा देने की बात कही।
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