मुंबई, 27 मई | अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे, मॉनसून की चाल, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे। अगले सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर रहेगा, क्योंकि निवेशक मई 2018 से जून 2018 सीरीज के वायदा और विकल्प खंड में अपनी स्थिति तय करेंगे जबकि मई 2018 की डेरिवेटिव निविदा (एफएंडओ) की समाप्ति गुरुवार (31 मई) को हो रही है।
निवेशकों की नजर जिन प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी, उनमें एनटीपसी अपनी जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा सोमवार (28 मई) को करेगी। बीपीसीएल और कोल इंडिया अपनी जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा मंगलवार (29 मई) को करेगी। वाहन कंपनियां अपने मई माह के बिक्री के आंकड़े 1 जून से जारी करना शुरू कर देंगे।
घरेलू व्यापक आर्थिक आंकड़ों में, सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पहली तिमाही के नतीजे गुरुवार (31 मई) को जारी करेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था साल-दर-साल आधार पर पिछले तीन महीनों में 7.2 फीसदी की वृद्धि दर से बढ़ी है, जबकि इसके पिछली तिमाही में इसकी रफ्तार 6.5 फीसदी थी।मार्किट इकॉनमिक्सस देश के विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन के मई के आंकड़ों को शुक्रवार को जारी करेगी। पिछले महीने देश का निक्केई मैनुफैक्चरिंग पीएमाई बढ़कर 51.6 अंक पर था, जबकि मार्च में यह 51 पर था। इस सूचकांक में 50 से कम अंक मंदी का तो 50 से अधिक अंक तेजी का संकेत है।
वहीं, निवेशकों की नजर मॉनसून की चाल पर बनी हुई है। सामान्यत: दक्षिणपश्चिम मॉनसून केरल में 1 जून को पहुंच जाता है। भारतीय मौसम विभाग और निजी कंपनी स्काईमेट ने भी हाल में ही इस साल मॉनसून जल्दी आने का अनुमान लगाया है। देश के कृषि क्षेत्र के लिए जून से सितंबर तक रहनेवाला मॉनसून का मौसम बेहद जरूरी है, क्योंकि अभी भी देश की कृषि का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर है। वैश्विक मोर्चे पर, निवेशकों की नजर अमेरिका और उत्तर कोरियो के बीच रिश्तों पर बनी हुई है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन के साथ सिंगापुर में 12 जून को प्रस्तावित बैठक को रद्द कर दी है। ट्रंप का कहना है कि "उत्तरी कोरिया द्वारा प्रदर्शित जबरदस्त क्रोध और खुली शत्रुता को देखते हुए" अमेरिका का इस बैठक में शामिल होना ठीक नहीं रहेगा।
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