नई दिल्ली/नैनागिरी,22अगस्त(वीएनआई/सुजस मारौरा) स्थान,नैना गिरी सिद्ध क्षेत्र,भोर की बेला,सूरज की प्रथम किरण आकाश में छायें बादलों के साथ मिकर शायद, यहा भगवान पार्श्वनाथ की दिव्य प्रतिमा के अभिषेक की तैयारी कर रही थी, तभी मद्धम सी रिमझिम फुहारों के बीच सूरज की प्रथम किरण ने प्रतिमा के मस्तक को छू कर नमन किया और अपने अपने घरों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस दिव्य अनुभव को साक्षात महसूस करते हुए जयकार किया.यही वो भूमि है जहाँ से पूज्य मुनि श्री क्षमासागर जी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की थी. बीस अगस्त यानि परम श्रधेय तपस्वी संत दीक्षा दिवस.कोविड और लॉकडॉउन के प्रतिबंधों के चलते इस वर्ष हम सभी श्रद्धालुओं के लिये हर वर्ष की तरह मिल कर इस पावन दिन को गुरू भक्ति दिवस के रूप में मनाना संभव नहीं था हालांकि हाँ वर्षों से इस दिन को हम सभी मुनि श्री के दीक्षा दिवस के नाम से ही मनाते रहे हैं . पूज्य मुनि श्री अपने गुरु श्रद्धेय आचार्य श्री विद्यासागर के प्रति समर्पण की एक मिसाल थे, उनकी इसी बात को मैत्री समूह के मित्रों ने अक्षरस: पालन करते हुये अपने गुरु को इस अवसर पर याद किया.
इस के उपरांत शिवपुरी के मित्रों के प्रयास से पूज्य मुनि श्री सुव्रतसागर जी के मुखारविंद से उन्हीं के द्वारा रचित और मुनि क्षमासागर जी को समर्पित पूजन और आरती का आयोजन किया गया. सभी लोग अपने अपने घरों में बैठकर अपने आराध्य के चरणों में भक्ति सुमन अर्पित करके अपने को धन्य मानते रहे. इस अवसर पर मुनि श्री सुव्रतसागर जी ने भी अपने बड़े गुरुभाई श्री क्षमासागर जी को याद करते हुये कई सारे संस्मरण सुनायें और अपनी विनयांजली प्रेषित की.
जहाँ एक और कोरोनाकाल के इस दौर में सभी लोगों के मन में अपने गुरु का दीक्षा दिवस हमेशा की तरह ना मना पाने का दु:ख था वहीं दूसरी और ऑनलाईन माध्यम से सभी को जोड़कर और भी भव्यतम रूप से मनाने की धुन भी सवार थी । देश के कई नगरों में पूज्य मुनिश्री के भक्तों द्वारा उनका दीक्षा दिवस मनाये जाने की खबरें मिलीं हैं । विदिशा में मुनि श्री समतासागर जी, ऐलक श्री निश्चयसागर जी महाराज के सानिध्य में, शाहपुर में आर्यिका माँ श्री गुणमति माताजी के सानिध्य में, जयपुर में आर्यिका माँ श्री गौरवमति माताजी के सानिध्य में, तथा अन्य कई स्थानों पर ब्र. भैया/दीदी के सानिध्य में मुनि श्री का दीक्षा दिवस मनाया गया ।
इस अवसर पर मुनि श्री के विचारों को मूर्तरूप देते हुये एक अच्छा नागरिक बनने, नैतिक मूल्यो वाले समावेशी जीवन जीने का संकल्प लेते हुये जनकल्याणकारी कार्य जैसे अपने साधर्मी जरूरतमंद भाई की आर्थिक मदद, प्रतिभावान छात्रों की सहायता, वृक्षारोपण आदि सेवाकार्य सरकार की गाइड़लाईंस को ध्यान में रखते हुये मैत्री समूह के मित्रों द्वारा किये गये ।
रात्रि में पुन: सभी जन अपने आराध्य को विनयांजली देने उपस्थित हुये, एक गोष्ठी ऑनलाइन ज़ूम एप्प और फ़ेसबुक के माध्यम से मुनि श्री के विचारों से ओतप्रोत विचारकों/साहित्यकारों/दार्शनिकों द्वारा मुनि श्री के जीवन/दर्शन/चिंतन पर प्रकाश ड़ाला गया, शताधिक लोग ऑनलाईन माध्यम से अपने मुनि श्री को पूरे मनोयोग से सुन रहे थे, सुनाने वाले ऐसे मानों सूरज के प्रकाश को सब तक पहुंचा रहे हों और सुनने वाले ऐसे कि सुनते ही जा रहे हैं, गोष्ठी का 1 घंटे का समय निर्धारित था, परन्तु कब दो घंटे से अधिक समय निकल गया पता ही नहीं चला ।
मुनि श्री हमेशा अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिये प्रेरित करते रहते थे, मुनिश्री भले ही शारीरिक रूप से हमारे साथ नहीं थे लेकिन उन के बताये हुए मूल्यों और दिये गये विचारों से दीक्षा दिवस का पूरा दिन चंदन सा महक रहा था, सभी ने उनका गुणानुवाद करते हुये अपने को धन्य माना कि हमें ऐसे महान गुरु का शिष्य होने का सौभाग्य मिला ।
इस अवसर पर मुनि श्री की प्रेरणा से अयोजित होने वाले यंग जैना एवार्ड 2020 के चयन स्वरूप एप्लीकेशन फॉर्म को बॉटने का कार्य प्रारंभ किया गया, सभी ने मिलकर कर इस बार इस आयोजन को वर्चुयल तरीके से और भी भव्यता से करने का संकल्प लिया और अंत: में मैत्री भाव करके सभा का समापन किया गया.नमोस्तु ! श्रद्धेय गुरूवर.. ...शोभना/ वी एन आई