लखनऊ, 19 मई | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थतियों में हुई मौत के मामले की जांच के लिए एसएसपी ने जो एसआईटी गठित की है, वह शुक्रवार से मामले की जांच शुरू करेगी। दूसरी ओर आईएएस की मौत की जांच के लिए कर्नाटक से भी दो अधिकारी यहां पहुंच गए हैं। वह अपने तरीके से पूरे मामले की जांच करेंगे।
एसएसपी दीपक कुमार ने गुरुवार को ही एसआईटी गठित की थी। एसआईटी शुक्रवार को गेस्ट हाउस में पूछताछ करेगी। एसआईटी के प्रभारी सीओ, हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्र के मुताबिक गुरुवार को टीम के सदस्यों को जांच से जुड़े कार्यो का विभाजन किया गया। उन्होंने बताया कि टीम अनुराग तिवारी के दोनों मोबाइल नंबरों का ब्यौरा भी निकलवा रही है। टीम शुक्रवार सुबह राज्य अतिथि गृह के कर्मचारियों व आसपास के दुकानदारों से पूछताछ करेगी।
इस बीच, कर्नाटक से आए दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिराम जी शंकर व पंकज पांडेय को आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के प्रकरण की जांच के लिए यहां भेजा है। बताया गया कि दोनों वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने यहां मंडलायुक्त से मुलाकात की, उसके बाद वे बहराइच चले गए। उल्लेखनीय है कि आईएएस अनुराग तिवारी का शव बुधवार को हजरतगंज इलाके में पाया गया था। आईएएस का शव मिलने के बाद से ही स्थानीय पुलिस के होश उड़े हुए हैं। विपक्ष ने गुरुवार को यहां के दोनों सदनों में भी यह मुद्दा उठाया था।
पिछले साल जब वो बीदर के डिप्टी कलेक्टर बन कर गए थे तो वहां पानी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए बेहतरीन काम किया था. बीदर में 130 से ज्यादा टैंक और 100 से ज्यादा कुंआ खुदवाकर सुर्खियों में आ गए थे. यही नहीं पांच सौ साल पुरानी सूख चुकी जहाज की बावड़ी की सफाई कराकर फिर से पानी से लबालब कर दिया था और इसके चलते जिले के लोग उन्हें प्यार से वाटरमैन के नाम से पुकारते थे. वो तेजतर्रार और सरल नौकरशाह के रुप में जाने जाते थे.